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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के क्या होते हैं लक्षण, जानें इस बीमारी के बारे में

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के क्या होते हैं लक्षण, जानें इस बीमारी के बारे में

पीसीओएस महिलाओं के हेल्थ से जुड़ी एक बहुत ही गंभीर समस्या है। इस बीमारी में महिला के शरीर में हार्मोनल स्तर का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे पीड़ित महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन (androgen) की उत्पत्ति जरूरत से अधिक होती है जिससे उनमें अचानक वज़न बढ़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल उगना, पीरियड्स का अनियमित होना जैसी परेशानियां होने लगती हैं। Polycystic Ovary Syndrome की बीमारी से ग्रसित महिला में एण्ड्रोजन हार्मोन की उत्पति होने लगती है।

Polycystic Ovary Syndrome के लक्षण

पीसीओएस की समस्या हार्मोन में गड़बड़ी के कारण होती है। पीसीओएस के बाद महिलाओं में पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। इससे उनकी मां बनने की क्षमता भी प्रभावित होती है। सामान्यतः यह बीमारी युवा महिलाओं अथवा प्रजनन वाली उम्र की महिलाओं में होती है इसमें एंड्रोजन जिसे पुरुष हॉर्मोन कहा जाता है की अधिकता हो जाती है और महिला हार्मोन प्रोजेस्ट्रॉन की कमी हो जाती है। जिससे महिलाओं में पीरियड्स संबंधी परेशानी होने लगती है। अन्य लक्षण हैं-

महिलाओं में अवसाद या मूड चेंज देखने को मिलता है।

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अचानक वज़न बढ़ने लगता है।

स्किन में कालापन आ जाता है।

पेट में दर्द होता है।

चेहरे पर बाल आने लगते हैं।

नींद ना आने की समस्या हो जाती है।

पीरियड्स अनियमित हो जाते है।

चेहरे पर मुंहासे आने लगते हैं।

पीसीओएस के कारण

पीसीओएस की बीमारी किस वजह से होती है यह तो अब तक पता नहीं चल पाया है। यह अनुवांशिक भी हो सकती है। पीसीओएस की समस्या में ओवरी से एग रिलीज़ नहीं हो पाता है। इंसुलिन की सक्रियता बढ़ जाती है।

पीसीओएस का उपचार

इलाज अगर ठीक समय पर कराया जाये तो आप पीसीओएस की समस्या से छुटकारा पा सकती हैं। लेकिन बहुत देर होने पर इलाज मुश्किल होता है। अगर आपको पीसीओएस की समस्या है और आप माँ बनने के बारें सोच रहीं हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।

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