राष्ट्रीय

असम-मेघालय सीमा पर क्यों भड़की हिंसा, आखिर क्या है विवाद की जड़, छह लोगों की हत्या से क्या पड़ेगा असर?

असम-मेघालय सीमा पर क्यों भड़की हिंसा, आखिर क्या है विवाद की जड़, छह लोगों की हत्या से क्या पड़ेगा असर?

562 रियासतों के टुकड़े में बंटे देश को एक राष्ट्र के बांधने वाले सरदार पटेल के हिन्दुस्तान में ऐसा क्यों हुआ? जिस देश हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक, अटक से कटक, त्रिपुरा से सोमनाथ की बातें करते हुए राष्ट्रीय एकता दिवस मनाते हैं और बात पूर्वोत्तर की होती है। उसी पूर्वोत्तर की शांति में 22 नवंबर अचानक एक कोलाहल पैदा होता है। जब खबर आती है कि असम और मिजोरम के मध्य सीमा विवाद उग्र होकर खूनी खेल में बदल गया था। फायरिंग की घटना में 6 लोगों की मौत हो गई। गोलीबारी की घटना में मेघालय के पांच और असम वन रक्षक के एक सहित कुल छह लोगों की मौत हो गई। मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस क्षेत्र में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इस घटना के बाद मेघालय और असम दोनों ने कहा कि वे असम पुलिस की गोलीबारी की केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग करेंगे। यह घटना दोनों राज्यों के बीच अपने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इस महीने के अंत में होने वाली दूसरे चरण की वार्ता से पहले हुई है। जिसके बाद इसकी पूरी संभावना है कि इसकी छाया वार्ता पर भी पड़ेगी। ऐसे में घटना वास्तव में क्या है और असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद क्या है? इसका आगामी वार्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है? पूरी जानकारी आपको बताते हैं।

असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले और मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स के मुकरोह गांव की सीमा से लगे एक इलाके में मंगलवार तड़के करीब तीन बजे असम पुलिस और भीड़ के बीच हुई कथित झड़प में असम वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। असम पुलिस ने दावा किया है कि लकड़ी की कथित रूप से तस्करी कर रहे एक ट्रक को रोकने की कोशिश कर रहे भीड़ ने उन्हें घेर लिया, जिसके बाद उन्होंने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं। मारे गए लोगों में से पांच मेघालय के हैं। इस घटना पर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने असम पुलिस की कार्रवाई को “अमानवीय” करार दिया और कहा कि जब तक कोई केंद्रीय एजेंसी अपने हाथ में नहीं लेती, तब तक राज्य एक न्यायिक आयोग और एक विशेष जांच दल का गठन करेगा। पश्चिम कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक का “स्थानांतरण” कर दिया गया है, और जिरीकिंडिंग थाना प्रभारी और खेरोनी वन परिक्षेत्र के वन सुरक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

मेघालय से असम का विवाद 1972 में अलग राज्य बनने से शुरू हुआ। असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर-राज्यीय सीमा के 12 इलाकों में लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों पूर्वोत्तर राज्यों ने इनमें से छह इलाकों में विवाद को खत्म करते हुए नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मार्च में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों ने बाकी के छह इलाकों में विवाद को हल करने के लिए बातचीत भी शुरू की। मेघालय को असम से अलग कर 1972 में स्थापित किया गया और उसने असम पुनर्गठन कानून, 1971 को चुनौती दी थी।

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!