दिल के दौरे की संपूर्ण जानकारी: कारण, शुरुआती चतेावनी और उपचार के विकल्प
दिल के दौरे की संपूर्ण जानकारी: कारण, शुरुआती चतेावनी और उपचार के विकल्प

संक्षिप्त मैं दिल के दौरे का अवलोकन:
दिल के दौरे का जोखिम मानो बढ़ते ही जा रहे है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी को दिल के बिमारि से खतरा है। हार्ट अटैक दिल की बिमारियों मैं प्रमुख माना जाता हैं, जो पुरे विश्व मैं तेज़ी से फैल रही है। अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो मृत्यु होने की भी संभावना होती है।
हार्ट अटैक के प्रमुख कारण:
आयु: पुरुष के लिए 45 वर्ष से ज्यादा, और महिलाओं के लिए 55 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है।
आहार: व्यस्त जीवन शैली के कारण अनियमित आहार, जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन दिल के दौरे का कारण बनता है।
आनुवंशिकी: दिल के दौरे का उच्च जोखिम विरासत में भी मिल सकता है।
रक्तचाप: उच्च रक्तचाप के वजह से हृदय पर अनावश्यक तनाव रहती है।
मोटापा: अधिक मात्रा में वजन बढ़ जाने से दिल पर ज़ोर पड़ता है।
नशा: धूम्रपान और मादक द्रव्यों का सेवन करने वालों को दिल के दौरे का खतरा होता है।
मानसिक तनाव: शिफ्ट कार्यरत लोग जो भी तनावपूर्ण कार्य करते हैं, या जो अपने व्यक्तिगत जीवन में लम्बे समय तक तनाव से गुज़रते है वे दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं।
इनके अलावा, एनजाइन यानि दिल में ऑक्सीजन की कमी, उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर, शरीर की निष्क्रियता और डायबिटीज दिल के दौरे के जोखिम का कारक है।
शुरुआती चेतावनियों को कैसे परखें?:
दिल का दौरा पड़ने वाले लक्षण व्यक्ति विशेष भिन्न प्रकार के होते हैं। और यहां तक कि एक ही व्यक्ति का दिल का दौरा पिछली बार पड़ा दौरे से अलग हो सकता है। छाती में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है। शुरुआती पहचान और शीघ्र उपचार के लिए दिल के दौरे के लक्षणों को जानना ज़रूरी है। ध्यान रखें आपके रोजमर्रा की जिंदगी में आप अपने सेहत का भी उतना ही ख्याल रखें जितना आप अपने अपनों का रखते है।
हार्ट प्रॉब्लम की शुरुआती चेतावनी:
महिलाओं और पुरुषों में भी हार्ट अटैक के लक्षण अलग होते है। एक अध्ययन से पता चला है कि पुरुषों से ज़्यादा महिलाओं में होते है हार्ट प्रॉब्लम।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण:
हार्ट अटैक के इन निश्चित लक्षणों को महिलायें अक्सर मामूली समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं।
●महिलाओं के सीने में और स्तन मैं दर्द होना, शरीर के ऊपरी भाग में यानि गर्दन, पीठ, दांत, भुजाएं और कंधे की हड्डी में तेज़ दर्द होना।
●चक्कर आना, बेचैनी महसूस करना, या सिर घूमना, जी मचलाना, उलटी, पेट खराब होना आदि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक दिखाई देते हैं। दिल में गहराई तक जेक रक्त पहुंचाने वाली दायीं धमनी अवरुद्ध हो जाने के वजह से अक्सर ऐसा होता है।
●जबड़े में दर्द होना महिलाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण है क्योंकि इसके पास जो नसें होती हैं वे आपके हृदय से निकलती हैं। ये दर्द थोड़ी-थोड़ी देर में होता है।
●सांस लेने में परेशानी, खांसी का दौरा और भारी सांस लेना (एक अध्ययन से पता चला है कि ४२ % महिलाएं जिन्हें हार्ट अटैक आया उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
●५५ साल उम्र के महिलाओं में हॉर्मोन्स के बदलाव के वजह से अचानक पसीना आना बहुत सामान्य होते है। हालांकि, अचानक पसीना आने पर ये हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं
पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण:
पुरूषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर समान् पाया जाता है। हालांकि पुरुषों में पाए जाने वाले हार्ट अटैक के ये 3 लक्षण मुख्य है-
●लगातार खर्राटा लेना और सोते समय पर्याप्त ऑक्सीजन न खींच पाना हार्ट अटैक के संकेत हो सकते है। नींद पूरी न होना हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देता है। इसका इलाज जल्द से जल्द होनी चाहिए।
●टहलने पर पैरों में दर्द हार्ट अटैक आने का संकेत हो सकता है। धमनियों का संकुचित हो जाने और रक्त प्रवाह बाधित होने पर जोड़ों में, पेट और सिर मैं खून कम पहुँचता है और पैरो में खून की कमी के वजह से दर्द होता है।
●पेट में दर्द होना और ऊपरी पीठ दर्द होना।
डॉक्टर से मदद कब लेनी है?
हार्ट अटैक के लक्षणों पर ध्यान दें और अगर कुछ नए लक्षण महसूस हो रहे हैं और वे दूर नहीं हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। जब अपने अंदर शारीरिक बदलाव दिखे सावधान हो जाएं। इसे काम के प्रेशर के चलते होने वाली कमजोरी या फिर कोई दूसरा कारण समझ कर अनदेखी ना करें तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपंर्क करें। बाद में पछताने से अच्छा है कि डॉक्टर से सुझाव लें और सुरक्षित रहें।
रोगनिर्णय और हार्ट अटैक का इलाज:
दिल के दौरे का इलाज से ज़्यादा बचाव जरुरी होता है। दौरा पड़े ऐसा मौका आने से पहले डॉक्टर्स का सुझाव लें। इ. सी. जी., चेस्ट एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राम, कार्डिएक सी. टी. या एम.आर. आई, इत्यादि के ज़रिये रोगनिर्णय करना आज के समय में बहुत ही आसान है।
सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पड़ना और बेचैनी होने जैसी हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों को पहचानें।
समय रहते डॉक्टर तथा अस्पताल से संपर्क करें।
हृदय रोग से उबरने के लिए जरूरी उपचार:
बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान और अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों ने हमारे दिल को नुकसान पहुंचाया है, हालांकि कुछ तरीके या साधन हैं जिन्हें अपनाकर आप बहुत आसानी से अपने दिल के दौरे से उबर सकते हैं।
डाइट (मिताहार): अगर आप जल्दी में कुछ भी खाते हैं, तो अपनी आदत को जल्दी छोड़ दें क्योंकि आपको अपने मेटाबॉलिज्म और शारीरिक सक्रियता के अनुसार ही कैलोरी लेनी चाहिए। डेली डाइट या मिताहार करें।संतुलित और पौष्टिक खाना वजन नियंत्रण और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अगर आप हार्ट प्रॉब्लम से पीड़ित हैं, तो आपको अपने आहार में फल, सलाद, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज शामिल करना चाहिए। आपको अपने दिन के भोजन में तेल और घी की खपत को बहुत कम करना चाहिए। धूम्रपान से भी दूरी बनाएं रखना भी ज़रूरी है।
निर्धारित व्यायाम: निर्धारित व्यायाम हमारे शरीर और सेहत को स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम न केवल आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि कई रोग से हुमारे शरीर को दूर रखते हैं। दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए कोई भी व्यायाम करें या आप कम से कम 30 मिनट के लिए पार्क जा सकते हैं। ऐसा करने से आप अतिरिक्त वसा जलाएंगे और आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर भी नियंत्रित रहेगा। जितने अधिक सक्रिय लोग होते हैं, दिल का दौरा पड़ने का खतरा उतना ही कम होता है।
कार्डियक रिहैब (ह्रदय का पुनर्वासन): कार्डिएक रिहैबिलिटेशन आपके दिल के भविष्य को बेहतर बना सकता है। ये एक मेडिकली सुपरभाईज़ड कार्यक्रम है। इसमें तीन महत्वपूर्ण भाग होते हैं:
●व्यायाम परामर्श और प्रशिक्षण
●हृदय-स्वस्थ रखने का शिक्षा
●तनाव कम करने के लिए काउंसिलिंग
आपके डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट के साथ-साथ परिवार और दोस्त आपके साथ रहेंगे और आपको मदद करेंगे आपके हार्ट प्रॉब्लम से जुड़ी जीवनशैली और आदतों को संभालने में।