अंतर्राष्ट्रीय

यूरोप के 44 देशों के नेताओं ने सम्मेलन किया, रूस को अलग-थलग किया

यूरोप के 44 देशों के नेताओं ने सम्मेलन किया, रूस को अलग-थलग किया


यूरोप के 44 देशों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को यहां एक सम्मेलन कर यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। इस हमले की वजह से ऊर्जा संकट व मंहगाई बढ़ी है तथा देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। ‘यूरोपीयन पॉलिटिकल कम्युनिटी’ का पहला सम्मेलन हुआ। इसमें यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 सदस्य देशों के साथ-साथ बल्कान और पूर्वी यूरोप के मुल्क तथा ब्रिटेन और तुर्कीए शामिल हुए। यूरोप की एकमात्र प्रमुख शक्ति रूस को तथा बेलारूस को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया।

बेलारूस ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस का समर्थन किया था। आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिरो ने चेक गणराज्य के प्राग कैसल में पत्रकारों से कहा, “ आप यहां देखेंगे कि यूरोप यूक्रेन में रूस के हमले के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है।” उनकेबेल्जियम के समकक्ष एलेक्ज़ेंडर डी क्रू ने कहा, “ यहां सिर्फ दो देशों को छोड़कर पूरा यूरोप महाद्वीप है। वे दो देश बेलारूस और रूस हैं। लिहाज़ा यह दिखाता है कि इन दो देशों को कितना अलग-थलग कर दिया गया है।”

लातविया के प्रधानमंत्री के कैरिन्स ने कहा कि यूक्रेन युद्ध का प्रभाव सभी देशों पर पड़ा है। उन्होंने कहा, “ युद्ध ने सुरक्षा की दृष्टि से हमें प्रभावित किया है। इसकी वजह से ऊर्जा की कीमतें बढ़ी हैं और हमारी अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। इससे निपटने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि हम सब मिलकर काम करें। सिर्फ यूरोपीय संघ को नहीं बल्कि यूरोप के सभी देशों को मिलकर साथ काम करने की ज़रूरत है।”

इस तरह का सम्मेलन करने का विचार फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का है और इसका समर्थन जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ ने किया है। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल ने सम्मेलन में शिरकत की है जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की वीडियो लिंक के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं।

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