राष्ट्रीय

रामदेव का कहना है कि पतंजलि ढेलेदार त्वचा रोग का समाधान खोजने पर काम कर रही है

रामदेव का कहना है कि पतंजलि ढेलेदार त्वचा रोग का समाधान खोजने पर काम कर रही है


बाबा रामदेव ने शुक्रवार को कहा कि पतंजलि समूह लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) या मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग का समाधान खोजने पर काम कर रहा है। इस बीमारी से लगभग एक लाख गायों की मौत हुई है। रामदेव ने सुझाव दिया कि सरकार को इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बीमारी ‘‘पाकिस्तान से आई हो सकती है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि यह बीमारी देश में कैसे आई और कई राज्यों में कैसे फैल गई।

रामदेव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम लंपी स्किन डिजीज वायरस पर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस बीमारी से करीब एक लाख गायों की मौत हो चुकी है। रामदेव ने कहा कि इस बीमारी ने हरिद्वार में उनके आश्रय गृह में कई गायों को भी प्रभावित किया लेकिन एक भी गाय की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हमने गिलोय जैसी आयुर्वेदिक दवाओं से गायों का इलाज किया। बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली गायें इस बीमारी से संक्रमित नहीं थीं।’’ एलएसडी गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा सहित एक दर्जन से अधिक राज्यों में फैल चुका है।

पशुपालन विभाग द्वारा रखे जाने वाले आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी ने 197 जिलों में 16.42 लाख मवेशियों को प्रभावित किया है और जुलाई से 11 सितंबर, 2022 के बीच 75,000 मवेशियों की मौत हुई है। एलएसडी एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है और उनमें बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनती है और इससे मृत्यु भी हो सकती है। यह रोग मच्छरों, मक्खियों, जुओं और ततैयों द्वारा मवेशियों के सीधे संपर्क में आने और दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है।

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!