भाजपा का आरोप, शराब घोटाले पर मौन है केजरीवाल सरकार, जनता का ध्यान भटकाने की हो रही कोशिश
भाजपा का आरोप, शराब घोटाले पर मौन है केजरीवाल सरकार, जनता का ध्यान भटकाने की हो रही कोशिश

दिल्ली में शराब नीति को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार और भाजपा आमने-सामने है। भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी की सरकार पर कथित तौर पर कथित शराब घोटाले का आरोप लगा रही है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी लगातार इस पर प्रतिक्रिया दे रही है। इन सब के बीच एक बार फिर से भाजपा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर पड़ा निशाना साधा है। भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार शराब घोटाले पर मौन साधे हुए हैं, तथा मामले से ध्यान भटकाने की लगातार कोशिश भी की जा रही है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाए कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले पर जवाब नहीं दे रहे हैं। उनकी ओर से सिर्फ आबकारी नीति 2021-22 में घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए लगातार नाटक किया जा रहा है।
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज लगभग 15 दिन हो गए हैं, आम आदमी पार्टी ने भाजपा और जनता द्वारा शराब घोटाले पर उठाये गए प्रश्नों का जवाब नहीं दिया है। केजरीवाल शराब घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए तरह तरह की नौटंकी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल ने जनता से जुड़े मुद्दों पर नहीं राजनीतिक नौटंकी के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया। भाजपा का दावा है कि नई शराब नीति के तहत शराब की बिक्री तो खूब हुई पर राजस्व घट गया। ऐसे में केजरीवाल जवाब दें ऐसा क्यों हुआ? आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि नई शराब नीति के तहत केजरीवाल सरकार ने हजारों-करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया। केजरीवाल सरकार ने शराब माफिया से सांठगांठ कर घोटाला किया है।
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आपको बता दें कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की तरफ से कथित घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश के बाद जुलाई में राज्य सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि शराब नीति में किसी तरह का घोटाला नहीं हुआ है। वहीं भाजपा ने कहा कि 2019-20 में जब पुरानी शराब नीति थी उसमें जो शराब की बिक्री थी वो 132 लाख लीटर प्रति माह थी और सरकार का रेवेन्यू 5068 करोड़ रुपए था। नई शराब नीति में शराब की बिक्री लगभग 245 लाख लीटर प्रति माह हई और सरकार का रेवेन्यू घटकर 4465 करोड़ रुपए रह गया। केजरीवाल जवाब दें।