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मंगला आरती के साथ रामदेवरा मेला प्रारंभ, 35 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे बाबा की समाधि पर

मंगला आरती के साथ रामदेवरा मेला प्रारंभ, 35 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे बाबा की समाधि पर

जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बाबा रामदेव की समाधि पर पूजा-अर्चना की। सोमवार से रामदेवरा मेला की शुरुआत हो गई। वहीं अब तक पांच लाख श्रद्धालु समाधि पर मत्था टेक चुके हैं।

बाबा रामदेव के अवतरण दिवस पर सोमवार को जैसलमेर के बाबा रामदेव मंदिर में अलसुबह 108 ज्योत से महाआरती की गई। इसके साथ ही रामदेवरा मेले का शुभारंभ हो गया। मंदिर में महाआरती के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
इस अवसर पर बाबा की समाधि के मस्तक पर सोने के मुकुट का प्रतिष्ठापन किया गया। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बाबा रामदेव की समाधि पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही उन्होंने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।
मंगला आरती के अवसर पर पुजारी पं. कमल किशोर छंगाणी ने अतिथियों से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा रामदेव जी की समाधि के दूध, दही, शहद, इत्र और पंचामृत से अभिषेक करवाया। बाबा को मेवा मिष्ठान और मिश्री का भोग लगाया गया। बाबा की समाधि पर नई चादर चढ़ाई गयी और बाबा की भोग आरती की गई। अतिथियों ने बाबा की समाधि पर इत्र और प्रसाद चढ़ाया।
बता दें कि रामदेव मेला लोकदेवता बाबा रामदेव की स्मृति में लगया जाता है। संत बाबा रामदेव ने 1459 ई. में 33 वर्ष की आयु में मसूरिया गांव में समाधि ली थी। उन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता था और उनके हिंदू, मुस्लिम, जैन और सिख समुदायों के उपासक हैं।

बाबा की समाधि पर राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात सहित कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। कोरोना के कारण इस बार ये मेला दो साल बाद लगेगा। कहा जा रहा है कि मेले के अंतिम दिन यानी सात सितंबर तक लगभग 35 लाख श्रद्धालु बाबा की समाधि पर मत्था टेकने पहुंच सकते हैं। मंदिर का संचालन करने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान ने बताया कि इस माह अब तक करीब पांच लाख से अधिक जातरू मसूरिया मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। राजस्थान सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री वाहनों को टैक्स में छूट देने का फैसला किया है।

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