Coronavirus Report Indore: तीन चरण की लंबी प्रक्रिया में चार दिन बाद मिल रही जांच रिपोर्ट
Coronavirus Report Indore: तीन चरण की लंबी प्रक्रिया में चार दिन बाद मिल रही जांच रिपोर्ट

उदय प्रताप सिंह, इंदौर Coronavirus Report Indore। शहर के फीवर क्लीनिकों में जांच करवाने के बाद अब भी मरीजों को तीन से चार दिन में रिपोर्ट मिल पा रही है। शहर की निजी लैब 12 से 24 घंटे में कोविड की रिपोर्ट दे रही हैं, वहीं मेडिकल कालेज के माध्यम से जिन नमूनों की जांच हो रही है, उनमें जांच से लेकर रिपोर्ट अपलोड करने की लंबी प्रक्रिया में ज्यादा समय लग रहा है। ऐसे में जब तक रिपोर्ट पहुंचती है, वे लोग जानकारी के अभाव में ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुके होते हैं या उनकी हालत गंभीर हो चुकी होती है।शहर के 19 फीवर क्लीनिकों पर जांच करवाने वाले मरीजों के सैंपल सुबह लेने के बाद शाम तक एमजीएम मेडिकल कालेज की लैब तक पहुंचाए जाते हैं।इसके बाद उन्हें मेडिकल कालेज की लैब में टेस्टिंग के लिए लगाए जाता है।ज्यादा सैंपल एकत्र होने की स्थिति में दो निजी लैबों को प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार सैंपल दिए जा रहे हैं। ये नमूने अहदाबाद के अलावा पुणे भेजे जा रहे हैं। मेडिकल कालेज की लैब में आने के बाद कई नमूने शाम को ये सैंपल निजी लैब को बाहर भेजने के लिए दिए जाते हैं। इंदौर से अहमदाबाद, पुणे सैंपल पहुंचने के समय के बाद जांच सैंपल वहां की मशीन में लगता है। उसके बाद जांच प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें 12 से 24 घंटे का समय रिपोर्ट आने में ज्यादा समय लगता है।लैब में जांच होने के बाद करीब 100-100 के लाट में रिपोर्ट आइसीएमआर पोर्टल पर अपलोड की जाती है। ऐसे में आपरेटर को 100 रिपोर्ट अपलोड करने में आधा से एक घंटा लगता है। ऐसे में ज्यादा संख्या में आपरेटर होने पर ही रिपोर्ट जल्द अपलोड होगी और मरीज को जल्द मैसेज निगेटिव या पाजिटिव आने का मैसेज मिलेगा। मेडिकल कालेज में आपरेटर कम होने से यहां होेने वाली जांच में ज्यादा समय लग रहा था। इस वजह से आपरेटर बढ़ाने पड़े।
हमारी कोशिश है कि मेडिकल कालेज के माध्यम से जिन मरीजों के नमूनों की जांच हो रही है, उनकी रिपोर्ट जल्द आए। अभी दोनों निजी लैबों को छह से आठ घंटे के अंतराल में नमूने दिए जा रहे हैं। वे 24 घंटे में रिपोर्ट दे रहे हैं। मेडिकल कालेज में रिपोर्ट अपलोड करने वाले आपरेटर पहले कम थे। अब 10 आपरेटर रखे गए हैं जिससे रिपोर्ट अपलोड होने में देरी न हो।
-डा. संजय दीक्षित, डीन एमजीएम मेडिकल कालेज