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मिड डे मील पर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं बीएसए ने स्कूलों में भ्रमण किया तो हकीकत सामने आ गई। वहीं स्कूलों में जो रोटियां मिलीं, उनमें गंध आ रही थी।

मिड डे मील पर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं बीएसए ने स्कूलों में भ्रमण किया तो हकीकत सामने आ गई। वहीं स्कूलों में जो रोटियां मिलीं, उनमें गंध आ रही थी।

मुजफ्फरनगर में मिड डे मील की व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। बीएसए शुभम शुक्ला ने नगर क्षेत्र के चार स्कूलों का भ्रमण किया तो मिड डे मिल की हकीकत सामने आ गई। रोटियों से आ रही गंध के कारण उन्हें अलग रखवा दिया गया। बच्चों के लिए स्कूल में दोबारा रोटियां बनवाई गईं।मिड डे मिल की रोटियों और गुणवत्ता पर जून माह में सवाल खड़ा किया था। तब बच्चों का कहना था कि रोटियां खाने लायक नहीं है। गुरुवार को बीएसए स्कूलों में पहुंचे तो हाल-बेहाल मिला। बीएसए ने बताया कि मध्यान्ह भोजन निर्धारित मैन्यू के अनुसार तो मिला, लेकिन गुणवत्ता उपयुक्त नहीं पाई गई है। रोटियां खाने योग्य नहीं, जिनसे कुछ अलग तरह की गंध आ रही थी, सुरक्षा की दृष्टि से प्रधानाध्यापिका द्वारा बच्चों के खाने के लिए स्कूल में ही रोटियां तैयार कराई गई हैं। जो रोटियां आपूर्ति कराई गई वह बच्चों को नहीं दी गई। आपूर्तिकर्ता एनजीओ को अंतिम नोटिस जारी कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया कि जिस दिन खाना अच्छा न आए उसकी तिथि नोट कर उन्हें अवगत कराया जाए।नई मंडी कन्या पाठशाला नगर के निरीक्षण के दौरान कार्यरत प्रधानाध्यापिका रुचि गर्ग, शिक्षामित्र नीरज और सोनिया उपस्थित मिलीं। पंजीकृत 77 बच्चों के सापेक्ष 39 बालक बालिकाएं उपस्थित थे। भोजन की गुणवत्ता सही नहीं मिली है।
संविलियन विद्यालय खालापार नगर क्षेत्र के निरीक्षण के समय कार्यरत प्रधानाध्यापक मोहम्मद जावेद, शिक्षा मित्र आदेश पवार, बबीता और समरीन रूही उपस्थित मिले। पंजीकृत 188 बच्चों के सापेक्ष 92 बालक बालिकाएं स्कूल में मौजूद थीं।
प्राथमिक विद्यालय रिफ्यूजी कैंप नगर क्षेत्र अध्यापक विहीन विद्यालय हैं। जिसका विद्यालय प्रबंधन, शैक्षणिक कार्य एवं अन्य गतिविधियां कम्पोजिट विद्यालय खालापार के प्रधानाध्यापक मोहम्मद जावेद कर रहे हैं। पंजीकृत 79 बच्चों के सापेक्ष 55 बालक बालिकाएं ही उपस्थित पाए गए हैं। बच्चे यूनिफार्म में नहीं पाए गए।
प्राथमिक विद्यालय खालापार दक्षिणी किदवई नगर में प्रधानाध्यापक हिना समी, शिक्षामित्र हसीन बानो और हुमा रानी मौजूद थी, लेकिन पंजीकृत 680 बच्चों के सापेक्ष 276 ही उपस्थिति थे। प्रधानाध्यापिका को उपस्थिति बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए। अधिकांश बच्चे यूनिफार्म में नहीं थे।
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उच्चाधिकारियों के मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक टोल फ्री नंबर दीवार पर पेंट कराए जाने के लिए निर्देश दिए गए।

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