उद्योग जगत

मत्स्य क्षेत्र के लिए डेयरी उद्योग की तरह एकीकृत मूल्य श्रृंखला ढांचे की जरूरतः सचिव

मत्स्य क्षेत्र के लिए डेयरी उद्योग की तरह एकीकृत मूल्य श्रृंखला ढांचे की जरूरतः सचिव

मत्स्य क्षेत्र के लिए डेयरी उद्योग की तरह एकीकृत मूल्य श्रृंखला ढांचे की जरूरतः सचिव
नयी दिल्ली| ग्रामीण विकास सचिव एन एन सिन्हा ने बृहस्पतिवार को डेयरी उद्योग की तरह मत्स्यपालन क्षेत्र में भी मूल्य श्रृंखला बनाने के लिए एक एकीकृत संरचना विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया।

सिन्हा ने उद्योग मंडल फिक्की की तरफ से आयोजित सम्मेलन फिशटेक को संबोधित करते हुए कहा कि मछली पालन करने वाले किसानों, विशेषकर जो गरीब हैं, को संगठित करते समय गतिविधियों की एक एकीकृत श्रृंखला का होना महत्वपूर्ण है।

इस दौरान उन्होंने डेयरी क्षेत्र के समान मत्स्यपालन के लिए भी एक एकीकृत संरचना विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया। फिक्की की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सिन्हा ने कहा, ‘‘इस तरह की मूल्य श्रृंखला विकसित करने की बहुत गुंजाइश है।’’ उन्होंने समुद्री शैवाल, सजावटी मछली पकड़ने और पिंजरे में खेती को लाभप्रद आजीविका गतिविधियों के रूप में चिन्हित किया।

इस कार्यक्रम में फिक्की के कृषि स्टार्टअप कार्यबल के प्रमुख हेमेंद्र माथुर ने कहा कि मत्स्य पालन एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिससे 1.5 करोड़ से अधिक मछुआरे जुड़े हुए हैं और सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 30 अरब डॉलर से अधिक का है।

माथुर ने कहा कि पिछले पांच-सात वर्षों में देश भर में 1500 से अधिक एग्री-टेक स्टार्टअप आए हैं, लेकिन फिशटेक स्टार्टअप्स की हिस्सेदारी अभी भी बहुत कम है जो संभवत: 30 से 50 के बीच है।

फिशटेक पर फिक्की कमेटी की अध्यक्ष और न्यूमर8 एनालिटिक्स की संस्थापक एवं सीईओ देवलीना भट्टाचार्जी ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और वैश्विक मछली उत्पादन में लगभग 7.56 प्रतिशत का योगदान देता है।

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