अल्पमत में आ गई है उद्धव ठाकरे सरकार? 35 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने का दावा, दल-बदल कानून भी नहीं होगा लागू
अल्पमत में आ गई है उद्धव ठाकरे सरकार? 35 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने का दावा, दल-बदल कानून भी नहीं होगा लागू

उद्धव ठाकरे ने शिवसेना सांसदों की बैठक बुलाई है। उद्धव ठाकरे ने शाम 7 बजे सांसदों को बुलाया है। इससे पहले शाम 6:30 में डिप्टी सीएम अजित पवार उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे। एकनाथ शिंदे से मिलिंद नार्वेकर कर रहे हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं लेकिन एक विधायक के निधन के बाद वर्तमान में इनकी संख्या 287 है। बहुमत के लिए 147 का आंकड़ा चाहिए। एनसीपी के पास 54 सीटें हैं। वहीं शिवसेना के पास 55 सीटें है और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। वहीं कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के साथ करीब दो से ढाई दर्जन विधायक सूरत में डेरा जमाए बैठे हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि शिवसेना के 35 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं।
अगर इन विधायकों ने अपना बगावती रूख एकनाथ शिंदे के साथ जारी रखा तो महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में आ जाएगी। हालांकि इन पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा। उद्धव ठाकरे ने इस मसले पर बात करने के लिए आज दोपहर मीटिंग बुलाई थी, लेकिन इसमें करीब 20 विधायक ही शामिल हुए। ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार को लेकर चिंता बढ़ गई है। शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं और यदि पार्टी से 27 अलग हो जाते हैं तो फिर उन पर दल-बदल का कानून लागू नहीं होगा।
दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है। साल 2019 के घटनाक्रम से सबक लेते हुए बीजेपी भी वेट एंड वॉच की स्थिति में लग रही है। पूरे मामले में जब महाराष्ट्र बीजेपी के चीफ चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। न ही एकनाथ शिंदे ने भाजपा को सरकार गठन का प्रस्ताव भेजा है और न ही भाजपा ने उन्हें कोई प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा और एमएलसी चुनावों के लिए बीजेपी को निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। हमारी जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक जा चुके हैं। इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है। लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार को अल्पमत में आने में कुछ समय लगेगा। अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं है जो अविश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग करे। 18 जुलाई से विधानसभा का सत्र शुरू होगा और फिर हम इस पर गौर करेंगे।