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कालिका माता मंदिर का PM ने किया उद्घाटन, बोले- सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है

कालिका माता मंदिर का PM ने किया उद्घाटन, बोले- सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचमहल ज़िले के पावागढ़ पहाड़ी पर पुनर्विकसित कालिका माता मंदिर का दौरा किया और मंदिर का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने नए मंदिर पर ध्वजारोहण भी किया। सालों बाद नए मंदिर पर ध्वजारोहण किया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सपना जब संकल्प बन जाता है और संकल्प जब सिद्धि के रूप में नजर के सामने होता है। इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। आज का ये पल मेरे अंतर्मन को विशेष आनंद से भर देता है। मोदी ने कहा कि कल्पना कर सकते हैं कि 5 शताब्दी के बाद और आजादी के 75 साल के बाद तक मां काली के शिखर पर ध्वजा नहीं फहरी थी, आज मां काली के शिखर पर ध्वजा फहरी है। ये पल हमें प्रेरणा और ऊर्जा देता है और हमारी महान संस्कृति एवं परंपरा के प्रति हमें समर्पित भाव से जीने के लिए प्रेरित करता है।

प्रधानमंत्री मे आगे कहा कि आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। ये शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है! ये शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियां बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में आपने देखा कि भव्य राम मंदिर आकार ले रहा है, काशी में विश्वनाथ धाम हो या मेरे केदार बाबा का धाम हो, आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ साथ अपनी प्राचीन पहचान को भी जी रहा है, उन पर गर्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज का ये अवसर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का भी प्रतीक है। अभी मुझे मां काली मंदिर में ध्वजारोहण और पूजा-अर्चना का भी अवसर मिला है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां काली का आशीर्वाद लेकर विवेकानंद जी जनसेवा से प्रभुसेवा में लीन हो गए थे। मां, मुझे भी आशीर्वाद दो कि मैं और अधिक ऊर्जा के साथ, और अधिक त्याग और समर्पण के साथ देश के जन-जन का सेवक बनकर उनकी सेवा करता रहूं। उन्होंने कहा कि मेरा जो भी सामर्थ्य है, मेरे जीवन में जो कुछ भी पुण्य हैं, वो मैं देश की माताओं-बहनों के कल्याण के लिए, देश के लिए समर्पित करता रहूं। माता के दरबार का कायाकल्प और ध्वजारोहण, मैं समझता हूं कि हम भक्तों और शक्ति उपासकों के लिए इससे बड़ा उपहार क्या हो सकता है। मां के आशीर्वाद के बिना ये संभव भी कहां हो सकता है। इस दौरान उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौज़ूद थे।

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