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कंझावला कांड में कदम-कदम पर खड़े होते रहे सवाल, घड़ी-घड़ी बदली रही कहानी, यहां पढ़ें अंजलि की मौत अब तक की पूरी अपडेट

कंझावला कांड में कदम-कदम पर खड़े होते रहे सवाल, घड़ी-घड़ी बदली रही कहानी, यहां पढ़ें अंजलि की मौत अब तक की पूरी अपडेट

कंझावला कांड में कदम-कदम पर खड़े होते रहे सवाल, घड़ी-घड़ी बदली रही कहानी, यहां पढ़ें अंजलि की मौत अब तक की पूरी अपडेट
दिल्ली कंझावला में 31 दिसंबर की रात एक ऐसा दर्दनाक वाक्या सामने आया जिसने पूरी दुनिया को हैरान करके रख दिया। एक कार के नीचे एक लड़की फंसी हुई थी और कार लगातार दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही थी। कार में फंसी लड़की लगभग 12 किलोमीटर दिल्ली की सड़को पर रगड़ती रखी जिसके बाद उसकी दर्दनाक मौत हो गयी। इस घटना को जिसने सुना वो सन्न रह गया। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि यह एक अंजाने में हुई घटना थी। 12-13 किलोमीटर तक घसीटती हुई लड़की जिस जगह आखिर में गिरी उस वक्त उसके शरीर पर एक कपड़ा नहीं था। लोगों ने जब लाश को देखा तो पुलिस को इंफॉर्म किया। पुलिस को बताया कि एक कार इस लड़की को सड़क पर घसीट रही थी। लाश सड़क पर गिरी और कार तेज रफ्तार से निकल गयी। पुलिस ने गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले की जानकारी जब मीडिया को लगी तब यह खबर आग की तरह फैलती चली गयी। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि यह एक मात्र एक्सीडेंट था। मीडिया में खबर आने के बाद पुलिस पर दबाव पड़ा तो जांच में तेजी आयी। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही हैं। इस मामले में कई सीसीटीवी फुटेज भी सामने आये जिसमें साफ तौर पर देखा गया कि कैसे कार लड़की को रोड पर घसीट रही हैं। पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए लड़की के मूमेंट को ट्रैक करना शुरू किय़ा तब पता चला की लड़की इवेंट मैनेजमेंट का काम करती थी और घटना की रात वह होटल से अपनी एक दोस्त के साथ निकली थी। होटल के मैनेजर ने बताया की लड़की जिसका नाम अंजलि था वह अपनी निधि नाम की दोस्त से होटल में शराब पीकर लड़ाई कर रही थी जिसके बाद उसे होटल से बाहर निकाल जाने को बोला गया था। होटल के बाहर लगे सीसीटीवी में देखा गया कि दोनों लड़कियों में किसी बात पर बहस हो रही थी। फिर दोनों लड़किया स्कूटी पर बैठती है और निकल जाती हैं। आखिरी बार अंजलि के साथ निधि को देखा गया था। जिसके बाद पुलिस ने निधि का बयान लेने के लिए उसकी तलाश की।छुपी बैठी निधि को चार दिनों बाद खोज निकाला गया। निधि ने अपने बयान में कहा कि अंजिल ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी और स्कूटी चलाने की जिद कर रही थी। जब यह हादसा हुआ तो अंजलि स्कूटी चला रही थी। अंजलि कार के साइड गिरी और मैं दूसरी साइड। अंजलि कार में फंस गयी और कार में बैठे लोग उसे घसीटते हुए ले गये। निधि ने बताया कि वह इस घटने से सहम गयी थी और अपनी दोस्त को छोड़कर घर भाग गयी।

इस पूरी कहानी में काफी ज्यादा झोल नजर आया पुलिस की कार्यवाई से लेकर निधि के बयान तक सब कुछ सवालों के घेरे में था। रोजाना अंजलि की मौत मामले में नये-नये एंगल सामने आ रहे हैं। हर कोई सवालों के घेरे में हैं। आपको बताते हैं कि आखिर इस कैस पर इतने सवाल क्यों खड़े हो रहे हैं।

कंझावला केस पर सवाल

1- नये साल पर इतनी दर्दनाक घटना हुई ऐसे में पुलिस कहा थी?

2- सुल्तानपुरी में 12 किलोमीटर पर रात में कार में फंसी लड़की को घसीटा गया किसी ने कैसे नहीं देखा?

3- अंजलि की लाश पर एक भी कपड़ा क्यों नहीं था?

4- कार जब अंजलि की स्कूटी से टकराई को कार चलाने वाले और उसमें बैठे लोगों को कुछ पता कैसे नहीं चला?

5- अंजलि की दोस्त निधि सड़क पर मरता हुआ इसे कैसे छोड़ कर भाग गयी?

6- निधि ने पुलिस को कुछ भी क्यों नहीं बताया?

7- इतना बड़ा हादसा हुआ और निधि को एक ख्रोच तक क्यों नहीं आयी?

8- निधि ने बोला अंजली ने शराब पी हुई थी, अटॉप्सी रिपोर्ट में शराब का एक कतरा अंजलि के अंदर ने नहीं मिला?

9- अगर अंजलि ने शराब पी थी तो होटल मैनेजर ने उसे होटल से अकेले बाहर क्यों भेज दिया?

10- अगर ये एक्सीडेंट था तो कार में बैठे किसी व्यक्ति को कुछ पता कैसे नहीं चला?

11- पुलिस ने बिना जांच के गैर-इरादतन हत्या और एक्सीडेंट का मामला क्यों दर्ज किया?

अब तक कैस में क्या कुछ हुआ-

कंझावला मामले में छठे आरोपी की गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस ने शहर के कंझावला इलाके में कार से युवती को टक्कर मारने के बाद वाहन से घसीटने से हुई मौत के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी की पहचान आशुतोष के तौर पर की है। वह इस मामले में गिरफ्तार किया गया छठा व्यक्ति है। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा, ‘‘सुल्तानपुरी मामले में छठवें आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार किया गया है, जिसने पुलिस को गलत जानकारी दी थी। आगे की जांच चल रही है।’’ इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों ने कथित तौर पर आशुतोष से कार ली थी।

आरोपियों को ‘‘बचाने की कोशिश’’ कर रहे दो लोगों की तलाश में जुटी पुलिस

पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उन दो लोगों की तलाश में जुटी है जिन पर कंझावला हादसे के आरोपियों को ‘‘ बचाने की कोशिश’’ करने का संदेह है। कंझावला घटना में आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाने की मांगों के बीच पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे यह सामने आए कि आरोपियों और अंजलि सिंह का पहले से कोई संपर्क था। इसने कहा कि हत्या का आरोप लगाने के वास्ते कत्ल की मंशा को साबित करने की जरूरत होती है। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 18 दल मामले की जांच कर रहे हैं और हर पहलू पर गौर किया जा रहा है।

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अदालत ने पांच आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

दिल्ली की एक अदालत ने शहर के कंझावला इलाके मेंकार से20 वर्षीय युवती को टक्कर मारने के बाद वाहन से घसीटने से हुई मौत के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को बृहस्पतिवार को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने दिल्ली पुलिस को पूछताछ के लिए आरोपियों को और चार दिनों तक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी। हालांकि, पुलिस ने पांच दिनों की हिरासत मांगी थी।

निधि के बारे में पहले कभी नहीं सुना, पीड़िता के परिवार का दावा

दिल्ली में एक कार से टक्कर के बाद 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने की वजह से जान गंवाने वाली युवती अंजलि सिंह के परिवार ने कहा कि निधि झूठ बोल रही है और उस पर हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए। अंजलि के परिवार ने साथ ही यह भी दावा किया कि उन्होंने उस ‘सहेली’ को ना तो पहले कभी देखा था और ना ही उसके बारे में पहले कभी सुना ही था जो 20 वर्षीय युवती के साथ उस समय थी जब वह एक कार के नीचे घसीटी गई थी। अंजलि की सहेली निधि ने उस भयावह रात को याद करते हुए कहा कि वे नए साल की पूर्व संध्या पर एक होटल में कुछ दोस्तों से मिलने गई थीं और आरोप लगाया है कि पार्टी के बाद ‘नशे में’ होने के बावजूद अंजलि स्कूटी चलाना चाहती थी। पीड़िता के परिवार के डॉक्टर ने भी निधि के इन दावों को खारिज कर दिया कि अंजलि ने घटना वाली रात बहुत शराब पी रखी थी।

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डॉक्टर ने अंजलि के नशे में होने की बात को नकारा

चिकित्सक ने कहा कि युवती के पोस्टमार्टम में उसके पेट में शराब का अंश नहीं मिला। अंजलि की मां ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी बेटी ने अपने जीवन में कभी शराब नहीं पी। रेखा देवी ने कहा, ‘‘मैंने निधि को कभी भी देखा या उसके बारे में सुना नहीं है। वह कभी हमारे घर नहीं आई। वह झूठ बोल रही है। मेरी बेटी ने कभी शराब नहीं पी। वह कभी शराब पीकर घर नहीं आई। निधि झूठ बोल रही है।’’ अंजलि के परिवार के चिकित्सक भूपेश ने कहा कि यह सामान्य हत्या नहीं थी। भूपेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पेट के अंदर खाना था। यदि उसने शराब पी रखी होती, तो रिपोर्ट में एक रसायन की मौजूदगी का जिक्र होता। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि (पेट के अंदर) केवल भोजन का पता चला है।’’ चिकित्सक ने कहा, ‘‘किसी हत्या को तब क्रूर माना जाता है जब पीड़ित को मौत से पहले क्रूरता से प्रताड़ित किया जाता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसे 40 चोटें आई थीं।’’

पीड़ित की दोस्त दावा किया था कि अंजलि ने खूब शराब पी थी

पीड़ित अंजलि की सहेली ने पहले कहा था कि युवती को अपनी कार से घसीटने के आरोपी पांच व्यक्तियों ने ‘‘जानबूझकर’’ उसे मार डाला क्योंकि वे यह जानने के बावजूद गाड़ी चलाते रहे कि वह वाहन के नीचे फंसी हुई है। अंजलि की सहेली ने उस भयावह रात को याद करते हुए ने कहा कि वे नए साल की पूर्व संध्या पर एक होटल में कुछ दोस्तों से मिलने गए थे और आरोप लगाया है कि पार्टी के बाद नशे में होने के बावजूद अंजलि स्कूटी चलाना चाहती थी। पुलिसको अंजलि की सहेली का पता सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद चला था। अंजलि की सहेली ने दावा किया कि उस कार में कोई संगीत नहीं चल रहा था जिसने उन्हें टक्कर मारी और दावा किया कि चालक को पता था कि अंजलि पहियों के नीचे घिसट रही है। पीड़िता की सहेली ने कहा कि टक्कर के बाद, अंजलि कार के नीचे फंस गई और उसे वाहन द्वारा घसीटा गया, जिसमें सवार लोगों ने एक बार भी कार की गति धीमी करने या युवती को बचाने की कोशिश नहीं की। अंजलि की सहेली ने कहा कि उसने दुर्घटना के बारे में किसी को नहीं बताया क्योंकि वह डरी हुई थी और उसे डर था कि इसके लिए उसे ही दोषी ठहराया जाएगा।

अब तक गिरफ्तार किए गये आरोपी

इस मामले में पुलिस ने पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और कॉल डिटेल के रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को दो और लोगों-आशुतोष और अंकुश खन्ना की संलिप्तता के बारे में पता चला था, जो आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। अंकुश खन्ना आरोपी अमित खन्ना का भाई है। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है और उसने अंकुश को दुर्घटना के बारे में सूचित किया तो उसके भाई ने दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए राजी किया था कि वह दुर्घटना के दिन गाड़ी चला रहा था। दीपक ग्रामीण सेवा चलाता है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी पांचों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। हुड्डा ने अदालत में मुकदमा लड़ने की बात करते हुए कहा कि एक सरकारी वकील की नियुक्ति की जा रही है। पीसीआर वैन के आने में देरी और कॉल का जवाब नहीं देने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि आंतरिक जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “ इसकी जांच की जाएगी कि यह मानवीय भूल थी या प्रणाली में कोई गड़बड़ी थी। जहां भीड़ ज्यादा होती है, वहां पुलिस की तैनाती ज्यादा होती है।” पुलिस ने कहा कि घटना 31 दिसंबर तथा एक जनवरी की दरम्यानी रात 2.04 बजे से 2.06 बजे के बीच हुई, जबकि शव सुबह करीब 4.15 बजे मिला। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने मौके से एक जूता और एक कान की बाली बरामद की है। एफएसएल की टीम ने कार से खून के धब्बे और कपड़े के टुकड़े बरामद किए हैं।

आरोपी ने जानबूझकर अंजलि की हत्या की : सहेली का दावा

नया साल शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में 20 साल की युवती को कार के साथ करीब 12 किलोमीटर तक घसीटने वाले पांच आरोपियों को पता था कि उनकी कार और स्कूटी की टक्कर के बाद कोई उनकी कार में फंस गया है, लेकिन वे नहीं रूके। दुर्घटना के वक्त मृतका अंजलि सिंह के साथ मौजूद उसकी सहेली ने यह दावा किया है। यह पूछने पर कि उसने दुर्घटना के बारे में तत्काल किसी को सूचना क्यों नहीं दी, सहेली का कहना है, ‘‘मैं डर गई थी इसलिए मैंने किसी को नहीं बताया।’’ पुलिस के अनुसार, युवती अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाली थी। 31 दिसंबर की रात को उसकी स्कूटी कार से टकरा गई और वह कार के नीचे फंस गई। उसे करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था और कंझावला में एक सड़क पर उसका शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला। सुल्तानपुरी की रहने वाली महिला एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में ‘पार्ट-टाइम’ काम करती थी और घटना के समय नए साल की पूर्व संध्या पर काम पर गई हुई थी। कथित तौर पर कार में सवार पांच लोगों पर सोमवार को गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस पर हालांकि मामले में ‘ढुलमुल जांच’ करने का भी आरोप लगा।

पीड़िता का यौन उत्पीड़न होने का संकेत नहीं देती: दिल्ली पुलिस

दिल्ली में जिस 20 वर्षीय युवती को कार से टक्कर मारने के बाद कई किलोमीटर तक घसीटा गया, उसकी मौत सिर, रीढ़ की हड्डी और निचले अंगों में चोट लगने के परिणामस्वरूप रक्तस्राव होने तथा आघात पहुंचने के चलते हुई। पुलिस ने मंगलवार को पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। युवती का पोस्टमार्टम मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) परिसर में एक मेडिकल बोर्ड की निगरानी में किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक युवती की मौत सिर, रीढ़ की हड्डी और निचले अंगों में चोट लगने के परिणामस्वरूप रक्तस्रावहोने तथा आघात पहुंचने के चलते हुई। डॉक्टरों ने आरंभिक रिपोर्ट में कहा है, ‘सिर, रीढ़ की हड्डी, बायीं जांघ की हड्डी और दोनों पैरों में गंभीर चोट पहुंचने के परिणामस्वरूप रक्तस्राव हुआ और आघात लगा। सभी चोटें संभवत: वाहन से हुई दुर्घटना और घसीटे जाने के कारण लगीं।’’ विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा, ‘‘साथ ही, रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि कोई भी चोट यौन उत्पीड़न का साक्ष्य नहीं देती है। अंतिम रिपोर्ट आने वाले समय में प्राप्त होगी। मामले की जांच जारी है।’’ सूत्रों ने कहा कि युवती के निजी अंगों पर चोट के कोई निशान नहीं थे।

कंझावला मामले पर राजनीति भी जारी

आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि पुलिस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कंझावला कांड की पीड़िता की धवि को धूमिल करने के लिए ‘‘सबूत गढ़ रहेहैं।’’ ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना और भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए दावा किया कि ‘‘वे अपने सदस्यों को बचाने के लिए तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ रहे हैं।’’ अंजलि सिंह को टक्कर मारने वाली कार में कथित तौर पर सवार पांच लोग के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अदालत ने सोमवार को पांचों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था जिसे बृहस्पतिवार को चार और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। भारद्वाज ने कहा कि घटना के समय अंजलि के साथ मौजूद रही उसकी ‘दोस्त’ निधि का बयान पीड़िता के परिवार के विपरीत है, परिवार के मुताबिक उन्होंने कभी निधि को देखा नहीं था और न ही उसके बारे में सुना था।

कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप

कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि वह अपनी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक आरोपी नेता की छवि बचाने के लिए कंझावला कांड में जान गंवाने वाली युवती का चरित्र हनन कर रही है। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने यह भी कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी चाहिए और सुनवाई तीन महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए, ताकि दोषियों को सजा मिले और यह भविष्य में एक मिसाल की तरह काम करे।

दिल्ली महिला आयोग का सवाल

दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने पीड़िता को शर्मसार न करने के लिए आगाह किया है और सामने आई मित्र के दावों की जांच की मांग की। इस बीच लांबा ने केंद्र और दिल्ली सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने 2012 में निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के इस्तीफे की मांग की थी, वे आज क्रमश: केंद्र और दिल्ली में सत्ता में हैं, लेकिन वे अब न तो इस्तीफा मांग रहे हैं और न ही दे रहे हैं। उन्होंने कहा, एक दशक पहले वही राजनीतिक दल- भाजपा और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को भारत की बलात्कार की राजधानी कहा था। उनके द्वारा दिया गया टैग एक दशक बाद भी बरकरार है। उन्होंने आरोप लगाया, पुलिस लगातार इस मामले को कमजोर क्यों कर रही है? दिल्ली पुलिस पर दबाव है, क्योंकि इस अपराध में शामिल एक व्यक्ति का नाम मनोज मित्तल है, जो दिल्ली के मंगोलपुरी में भाजपा का सह-संयोजक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया, भाजपा के दबाव में दिल्ली पुलिस इस भाजपा नेता को बचाने के लिए मामले को कमजोर कर रही है। लांबा ने कहा, हम मांग करते हैं कि इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाए, मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में हो और सुनवाई तीन महीने में पूरी हो।

परिजनों और पड़ोसियों ने विरोध प्रदर्शन किया

बाहरी दिल्ली में कार से टक्कर के बाद 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने की घटना में जान गंवाने वाली युवती के परिजनों और पड़ोसियों ने बृहस्पतिवार को सुल्तानपुरी थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों को फांसी देने की मांग की। विरोध प्रदर्शन के चलते इलाके में जाम लग गया। प्रदर्शनकारियों ने सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें फांसी देने की मांग की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह कोई हादसा नहीं है। जानबूझकर ऐसा किया गया। इसे हत्या के तौर पर देखना चाहिए।” उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि इसे हत्या का मामला मानकर प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 भी जोड़ी जाए। उल्लेखनीय है कि नववर्ष की रात दौरान एक कार ने युवती (20) की स्कूटी को टक्कर मार दी थी और युवती को सुल्तानपुरी से कंझावला तक 12 किलोमीटर घसीटती हुई ले गई थी। इस दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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