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फोर्ड कारखाने के कर्मचारियों को बेहतर मुआवजा पैकेज मिलने की उम्मीद

फोर्ड कारखाने के कर्मचारियों को बेहतर मुआवजा पैकेज मिलने की उम्मीद


भारत से अपने कदम समेट चुकी अमेरिकी वाहन विनिर्माता फोर्ड के चेन्नई से सटे कारखाने के कर्मचारियों ने बेहतर मुआवजा पैकेज के मुद्दे पर 13 सितंबर को होने वाली त्रिपक्षीय वार्ता से सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद जताई है। फोर्ड के प्रबंधन और कर्मचारियों की वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ मुआवजा पैकेज को लेकर बातचीत होने वाली है। सितंबर 2021 में फोर्ड ने भारतीय बाजार से हटने के साथ ही अपने कारखान को भी बंद करने की घोषणा कर दी थी।

फोर्ड इंडिया ने हाल ही में कहा था कि वह कर्मचारी संगठनों के साथ एक समुचित एवं वाजिब मुआवजा पैकेज के मुद्दे पर लगातार बात करता रहा है। इस संबंध में अब तक कंपनी और कर्मचारियों की सरकारी अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। फोर्ड इंडिया ने पिछले प्रयासों के नाकाम रहने के लिए कर्मचारी संगठनों की गैरवाजिब मांगों को जिम्मेदार बताया था। इस बारे में फोर्ड इंडिया कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों का कहना है कि कंपनी ने मुआवजा पैकेज में कर कटौती के पहलू का ध्यान नहीं रखा था।

कर्मचारी संगठन के एक प्रतिनिधि ने पीटीआई-से कहा, कारखाना 31 अगस्त से ही बंद पड़ा हुआ है और अभी कोई भी कर्मचारी संयंत्र में मौजूद नहीं है। सिर्फ बिक्री सेवा और कलपुर्जों की बिक्री जैसे काम ही वहां हो रहे हैं। हमें कारखाने में घुसने तक की इजाजत नहीं है। प्रबंधन हमसे ऑफर को स्वीकार करने को कह रहा है। कंपनी ने अंतिम पेशकश के तौर पर हरेक कर्मचारी को औसतन 41 लाख रुपये का मुआवजा पैकेज देने की बात कही है।

उसने पांच सितंबर से 23 सितंबर के बीच इस पैकेज को स्वीकार करने का अनुरोध कर्मचारियों से किया है। फोर्ड प्रबंधन ने यह चेतावनी भी दी है कि इस समयसीमा के भीतर मुआवजा पैकेज स्वीकार नहीं करने पर कर्मचारियों की अगर छंटनी होती है तो उन्हें प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए 15 दिन का मुआवजा ही दिया जाएगा।

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