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Dwarkadhish मंदिर पर भी हो रहा तूफान का असर, तूफान के कारण ध्वज फहराने को लेकर किया गया बदलाव

Dwarkadhish मंदिर पर भी हो रहा तूफान का असर, तूफान के कारण ध्वज फहराने को लेकर किया गया बदलाव

गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय का खतरा मंडरा रहा है। गुजरात में ये चक्रवात जल्द ही पहुंचने वाला है। मगर वहीं इस तूफान के आने से पहले ही गुजरात में जोरदार हवाएं चल रही है। देर रात से जिले में कई जगहों पर झमाझम बारिश शुरू हो गई है। द्वारका तट, गोमटाघाट और शिवराजपुर समुद्र तटों पर धारा 144 लागू कर दी गई है। इस तूफान का असर द्वारकाधीश मंदिर में वर्षों पुरानी परंपरा में बदलाव किया गया है।

दरअसल यहां वर्षों से मंदिर के शिखर पर झंडा फहराया जाता है। मगर चक्रवात के कारण चल रही तेज हवाओं को ध्यान में रखते हुए इस परंपरा में थोड़ा बदलाव किया गया है। दरअसल मंदर के शिखर की उंचाई को ध्यान में रखते हुए मंदिर पर ध्वजा फहराने की प्रक्रिया थोड़ी बदली गई है। ऐसे में तय किया गया है कि मंदिर के प्रसाद के रूप में ध्वजा को चढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में सुरक्षा के लिए दो ध्वजा फहराए गए है। आस्था को देखते हुए ये किया जाता है। माना जाता है कि दो ध्वाज फहराने से चक्रवात का खतरा टल जाएगा। गौरतलब है कि मंदिर के शिखर पर प्रतिदिन पांच बार ध्वज फहराए जाते हैं।

बता दें कि तूफान के कारण हवाएं काफी तेज गति से चल रही है। मंदिर के शीर्ष ध्वज स्तंभ पर नया झंडा फहराना खतरे से खाली नहीं है। तेज हवाओं के बीच ऊपर चढ़ना परेशानी का सबब बन सकता है और ये खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में नए ध्वज को फहराया गया है तो ऊंचाई में थोड़ा कम है।

पर्यटकों के लिए नियम
इस बीच प्रशासन ने तय किया है कि पर्यटक चक्रवात के खतरे के बीच बाहर घूमने ना निकलें। एहतियात के तौर पर स्थानीय होटल मालिकों को होटल की बुकिंग ना लेने की हिदायत भी दी गई है। वहीं प्रशासन ने कुछ मंदिरों के दर्शन तीर्थयात्रियों के लिए बंद किए जाने का भी फैसला किया है।

1500 को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थान पर
गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के गुजरात में 15 जून को पहुंचने की आशंका के बीच राज्य में एक विस्तृत निकासी योजना बनाई गई है और प्रशासन ने 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात के दौरान गुजरात में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अंदेशा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की दर्जनों टीमों को चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है। सेना, नौसेना और भारतीय तट रक्षक को द्वारका के पास तट से दूर तेल खनन जहाज की सिंगापुर से 50 कर्मियों को निकालने के लिए तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ तैयार अवस्था में रखा गया है।

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