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*संतृप्ति अभियान के तहत खानूपुर और भैंसी में वित्तीय साक्षरतार शिविर आयोजित*

*संतृप्ति अभियान के तहत खानूपुर और भैंसी में वित्तीय साक्षरतार शिविर आयोजित*

-आरबीआई के एलडीओ, एलडीएम, क्रिसिल फाउन्डेशन की सीबीओ ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
-कैम्प में ग्रामीणों का कराया गया वित्तीय समावेशन, पुलिस ने किया साइबर फ्रॉड को लेकर जागरूक
*मुजफ्फरनगर, 27 सितंबर 2025।
मुजफ्फरनगर के खानूपुर और भेसी ग्राम पंचायतों में 3 माह के संतृप्ति अभियान के तहत वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता और समावेशन को बढ़ाना था, ताकि ग्रामीण आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। दोनों शिविर भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ श्रवण कुमार, एलडीएम शिशिर त्रिवेदी, क्रिसिल फाउन्डेशन की सीबीओ शीजा खानम की उपस्थिति में आयोजित किये गये।
मनीवाईज वित्तीय साक्षरता केन्द्र खतौली के सेन्टर मैनेजर मोहित कुमार द्वारा ग्राम खानूपुर में आयोजित शिविर में भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ श्रावण कुमार ने केवाईसी के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए क्यों आवश्यक है। उन्होंने युवाओं के लिए ’युवा उद्यमी योजना’ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के बारे में बताया, जो ग्रामीण युवाओं को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है।
क्रिसिल फाउन्डेशन की क्षमता वर्धन अधिकारी शीज़ा खानम ने ग्रामीणों को संबोधित किया। उन्होंने बचत बजट के महत्व पर जोर दिया और प्रधानमंत्री जन धन योजना, आवर्ती जमा, सावधि जमा, लोक भविष्य निधि, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी निवेश योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना के बारे में बताया, जो अप्रत्याशित परिस्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के उपायों और डिजिटल लेनदेन के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिससे ग्रामीण सुरक्षित रूप से ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं का उपयोग कर सकें।
एलडीएम शिशिर त्रिवेदी ने कहा कि एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति पूरे जीवन पैसे के लिए काम करता है, जबकि अमीर आदमी के लिए पैसा काम करता है। हमें इस अंतर को समझना होगा और पैसे के लिए काम न करते हुए पैसे को काम पर लगाना होगा, जो इस अंतर को समझ गया, समझ लो वह अमीर बनने के बहुत नजदीक है।
दूसरी ओर खतौली ब्लॉक की एफसी समरीन के नेतृत्व में आयोजित भेसी शिविर में सरकारी योजनाओं और डिजिटल लेनदेन की जानकारी दी गई। स्थानीय साइबर पुलिस ने इस दौरान डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय बताए, जिससे ग्रामीण ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित रह सकें। ग्रामीणों को डिजिटल बैंकिंग के महत्व के बारे में बताते हुए कहा गया कि समय के साथ चलना चाहिए। डिजिटल बैंकिंग आज के समय की आवश्यकता है, ऐसे में जो डिजिटल बैंकिंग से दूर हैं, वह अपने पिछड़ेपन का कारण स्वयं बन रहे हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वह किसी को भी अपने एटीएम का पिन कोड, सीवीवी या ओटीपी ना बतायें, क्योंकि यह उनके धन की चाबी है, जिससे उनका धन चोरी हो सकता है।
इस अवसर पर वित्तीय साक्षरता केंद्र हेमंत कुमार, एसबीआई से वीरेश कुमार, ग्राम प्रधान अमित कुमार, जानसठ के फील्ड कोर्डिनेटर वसीम अहमद और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
इन शिविरों ने 3 माह के संतृप्ति अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे ग्रामीणों को वित्तीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बनाने में मदद मिली।

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