मेरठ से हरिद्वार सिर्फ 90 मिनट में,चार धाम यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, – Ganga Expressway का नया फेज़ शुरू
मेरठ से हरिद्वार सिर्फ 90 मिनट में,चार धाम यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, – Ganga Expressway का नया फेज़ शुरू

मेरठ से हरिद्वार के बीच सफर करने वाले लाखों श्रद्धालुओं और ट्रैवलर्स के लिए अब रास्ता और आसान होने वाला है. जी हां, गंगा एक्सप्रेसवे के नए फेज़ के तहत मेरठ से हरिद्वार को जोड़ने वाली कनेक्टिविटी पर काम शुरू हो चुका है.
इस एक्सटेंशन के पूरा होते ही यह यात्रा सिर्फ 90 मिनट में तय की जा सकेगी. खासकर चार धाम यात्रा करने वालों के लिए यह परियोजना एक वरदान के रूप में होगी. आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट का पूरा विवरण, इसके रूट, फायदे और असर के बारे में विस्तार से
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में एक है. इसका मुख्य रूट मेरठ से प्रयागराज तक है जो 594 किलोमीटर लंबा है. अब इस एक्सप्रेसवे का एक नया फेज़ जोड़ कर मेरठ से हरिद्वार को सीधे जोड़ा जा रहा है. यह नया सेक्शन लगभग 121 किलोमीटर लंबा होगा और इसे तेज़ी से बनाया जा रहा है ताकि धार्मिक यात्रा और टूरिज्म को और बढ़ावा मिल सके.
मेरठ से हरिद्वार सिर्फ 90 मिनट
अभी मेरठ से हरिद्वार पहुंचने में लगभग 3 से 4 घंटे लगते हैं, वह भी ट्रैफिक के मूड पर निर्भर करता है. लेकिन एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के बाद यह सफर 90 मिनट में पूरा हो सकेगा. इसका मतलब है कम थकावट, बेहतर सुरक्षा और समय की बचत. यह सुविधा न सिर्फ मेरठ बल्कि आसपास के जिलों जैसे बागपत, मुज़फ्फरनगर और शामली के यात्रियों को भी फायदा देगी.
चार धाम यात्रियों के लिए शुभ संकेत
हर साल लाखों यात्री चार धाम की यात्रा पर जाते हैं और इनमें से बड़ी संख्या मेरठ मंडल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होती है. अब गंगा एक्सप्रेसवे हरिद्वार तक पहुंचेगा जिससे चार धाम जाने वालों के लिए यात्रा तेज़, आरामदायक और सुरक्षित हो जाएगी. बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को सबसे ज्यादा राहत इस एक्सप्रेसवे से मिलने वाली है क्योंकि अब उन्हें खराब सड़कों और ट्रैफिक जैसी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा.
व्यापार और टूरिज्म को मिलेगा नया बूस्ट
इस एक्सप्रेसवे की वजह से धार्मिक टूरिज्म में जहाँ उछाल आएगा, वहीं हरिद्वार और मेरठ के बीच होने वाली व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी. छोटे व्यापारी, होटल, ट्रेवल कंपनियों और रिटेल सेक्टर को इसका सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही इससे आसपास के इलाकों में रोजगार और निवेश की संभावनाएं भी बढ़ेंगी.
सड़क सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में बेहतरी
गंगा एक्सप्रेसवे पर हाईटेक सुविधाएं जैसे e-tolling, CCTV निगरानी, एमरजेंसी SOS कॉल बॉक्स, पुलिस पेट्रोलिंग और ट्रैफिक कंट्रोल रूम मौजूद रहेंगे. इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी और नियमित निगरानी से सड़क पर सुरक्षित सफर सुनिश्चित किया जा सकेगा.
NHAI और यूपी सरकार की साझेदारी
यह प्रोजेक्ट नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और यूपी एक्सप्रेसवे अथॉरिटी मिलकर बना रही हैं. सरकार का प्लान है कि इसका निर्माण कार्य 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और किसानों को समय से मुआवजा देने की योजना पर तेज़ी से कार्य चल रहा है.
भविष्य की योजना क्या है
गंगा एक्सप्रेसवे सिर्फ मेरठ से हरिद्वार तक ही सीमित नहीं रहेगा. भविष्य में इसे ऋषिकेश, पौड़ी और कोटद्वार जैसे धार्मिक गंतव्यों से भी जोड़ा जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह पूरी गंगा घाटी का सबसे बड़ा रोड नेटवर्क बन जाएगा जिससे उत्तराखंड के पर्यटन को नया जीवन मिलेगा.