INDIA गठबंधन को एक और झटका, दिल्ली सेवा विधेयक पर मोदी सरकार का समर्थन करेगी TDP
INDIA गठबंधन को एक और झटका, दिल्ली सेवा विधेयक पर मोदी सरकार का समर्थन करेगी TDP

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने बुधवार को साफ कर दिया कि वह दिल्ली सेवा विधेयक पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन करने जा रही है। 1 अगस्त को, केंद्र सरकार ने विपक्षी सांसदों के जोरदार विरोध के बीच लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। तेलुगु देशम पार्टी के पास राज्यसभा में 01 सीट है। यह विधेयक 19 मई को घोषित अध्यादेश का स्थान लेगा, जो उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर अंतिम अधिकार देता है।
‘बाबूशाही’ स्थापित करेगा
दिल्ली सेवा विधेयक को “सबसे अलोकतांत्रिक” कानून बताते हुए, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक पार्टियां इसका विरोध करेंगी और उम्मीद जताएंगी कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई सांसद भी संविधान की रक्षा के लिए इसके खिलाफ मतदान करेंगे। आम आदमी पार्टी का दावा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 दिल्ली में लोकतंत्र हटाकर ‘बाबूशाही’ स्थापित करेगा। 1 अगस्त को, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजेडी) ने भी राज्यसभा में विधेयक को पारित करने के लिए अपने समर्थन की घोषणा की। इसके अलावा, ओडिशा स्थित पार्टी ने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का भी विरोध करने का फैसला किया।
मंगलवार को हुआ था पेश
लोकसभा में मंगलवार को विवादास्पद ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ पेश किया गया। निचले सदन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गृह मंत्री अमित शाह की ओर से विधेयक पेश किया। विधेयक पेश किये जाने का कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर एवं गौरव गोगोई, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवैसी आदि ने विरोध किया। विधेयक पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को संपूर्ण अधिकार दिया है कि वह दिल्ली राज्य के लिए कोई भी कानून ला सकता है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के हवाले से इसे पेश किये जाने का विरोध किया जा रहा है लेकिन उसी आदेश के पैरा 6, पैरा 95 में शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि संसद, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के लिए कोई कानून बना सकती है।