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IOR में ड्रैगन से लोहा लेने के लिए भारत बढ़ा रहा अपनी जंगी क्षमता ! पनडुब्बियों के निर्माण के लिए जारी किया टेंडर

IOR में ड्रैगन से लोहा लेने के लिए भारत बढ़ा रहा अपनी जंगी क्षमता ! पनडुब्बियों के निर्माण के लिए जारी किया टेंडर

IOR में ड्रैगन से लोहा लेने के लिए भारत बढ़ा रहा अपनी जंगी क्षमता ! पनडुब्बियों के निर्माण के लिए जारी किया टेंडर

नयी दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा में चीन के साथ जारी विवाद के अब भारत हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर सतर्क है। सरकार ने लंबे समय से लंबित ‘प्रोजेक्ट-75 इंडिया’ के तहत भारतीय नौसेना के लिए 6 पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपए (लगभग $ 7 बिलियन) का टेंडर जारी किया है। आपको बता दें कि यह टेंडर मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो को जारी किया गया है।

चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने यह टेंडर जारी किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 6 पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लंबी प्रक्रिया के बाद दो भारतीय कंपनियों लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) और माझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) को टेंडर जारी करने को मंजूरी दी गई। हालांकि पनडुब्बियों के निर्माण के लिए ये दोनों कंपनियों कौन सी विदेशी कंपनियों के साथ हाथ मिलाना चाहती हैं यह फैसला उन्हीं का होगा। इसके लिए पांच विदेशी कंपनियों दाईवू शिपबिल्डर्स (दक्षिण कोरिया), थायसीनक्रूप मरीन सिस्टम (जर्मनी), वंतिया (स्पेन), नेवल ग्रूप (फ्रांस) और जेएससी आरओई (रूस) हैं।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह परियोजना न केवल पनडुब्बी, जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने में सहायता करेगी, बल्कि पनडुब्बियों से संबंधित कल-पुर्जों, प्रणालियों और उपकरणों के निर्माण के लिए एक औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान देगी।

अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक पनडुब्बियां 18 लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइलों और हैवीवेट टॉरपीडो से लैस होंगी। इसके साथ ही अधिक पानी के भीतर गोता लगाने के लिए ईंधन-सेल आधारित एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन से लैस किया जाएगा।

नौसेना के पास हैं 17 पनडुब्बियां

भारतीय नौसेना ने 2030 में समाप्त होने वाले 30 साल के कार्यक्रम के तहत पानी के भीतर जंगी क्षमता को बढ़ाने के लिए छह परमाणु हमले वाली पनडुब्बियों सहित 24 नई पनडुब्बियों की खरीद की योजना बनाई है। वर्तमान में नौसेना के पास 15 पारंपरिक पनडुब्बियां और दो परमाणु क्षमता से संपन्न पनडुब्बियां हैं।

चीन बढ़ा रहा है अपनी ताकत

चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी ताकत को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की सेना की बढ़ती मौजूदगी के मद्देनजर भारत सरकार ने अपनी तैनाती को मजबूत करने में जुटी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मिली जानकारी के मुताबिक चीन के पास 50 पनडुब्बी और करीब 350 पोत हैं। हालांकि अगले 8-10 सालों में उनके पास 500 से अधिक पोत तथा पनडुब्बियां होने की संभावना जताई जा रही है।

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