कैट की ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नियामक प्राधिकरण बनाने की मांग
कैट की ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नियामक प्राधिकरण बनाने की मांग

व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को तुरंत एक मजबूत ई-कॉमर्स नीति लागू करनी चाहिए और इस खंड के लिए एक नियामक प्राधिकरण का गठन करना चाहिए। कैट ने अपनी मांगें ऐसे समय रखी हैं जबकि एक दिन पहले ही एक संसदीय समिति ने डिजिटल बाजारों में प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को रोकने के लिए पूर्वानुमानित नियमन, महत्वपूर्ण डिजिटल मध्यस्थ को श्रेणीबद्ध करने और एक नया डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून लाने का सुझाव दिया है।
इसके अलावा समिति ने भारी छूट, स्वयं तरजीह देने और खोज एवं रैंकिंग में प्राथमिकता देने जैसे व्यवहार से दूर रहने के लिए कहा है, जो बाजार प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करते हैं। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने पीटीआई-से कहा कि सेबी और आरबीआई की तरह एक नियामक प्राधिकरण होना चाहिए, जो भारत में ई-कॉमर्स कारोबार को विनियमित कर सके। खंडेलवाल ने कहा, ‘‘सरकार को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियम जारी करने चाहिए, एफडीआई खुदरा नीति के 2018 के प्रेस नोट दो के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अगर ई-कॉमर्स के लिए भारत में नए नियम लागू नहीं किए गए, तो विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां देश के करोड़ों छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ा खतरा बन जाएंगी।