अदालत ने पलटा बाल कल्याण समिति का फैसला, अब मां के पास ही रहेगा आरव, ये था मामला
अदालत ने पलटा बाल कल्याण समिति का फैसला, अब मां के पास ही रहेगा आरव, ये था मामला

अदालत ने बाल कल्याण समिति का फैसला पलट दिया है। अब आरव अपनी मां के पास ही रहेगा। जानिए पूरा मामला किया है।
मुजफ्फरनगर में सात साल के मासूम आरव की परवरिश के लिए मां और दादा के बीच चली आ रही अदालती लड़ाई में आखिरकार मां को राहत मिल गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-1 जय सिंह पुंडीर ने बाल कल्याण समिति के फैसले को निरस्त कर दिया है। आरव फिलहाल अपनी मां के पास रहेगा।
शाहपुर क्षेत्र के काकड़ा गांव निवासी प्रियांशी की शादी बागपत के बिहारीपुर गांव निवासी आईटीबीपी के जवान सूरज के साथ हुई थी। प्रियांशी ने बेटे आरव को जन्म दिया। बीमारी के चलते कुछ दिन बाद सूरज की मौत हो गई। ऐसे में प्रियांशी अपने बेटे आरव को लेकर मायके लौट आई। मामले में नया मोड़ तब आया जब आरव को अपने पास रखने के लिए उसके दादा राजकुमार ने 19 मार्च 2021 को अपने आपको आरव का संरक्षक बताते हुए बाल कल्याण समिति मुजफ्फरनगर में प्रार्थना पत्र दिया। समिति ने 13 जुलाई 2021 को आरव की उसके दादा को सौंपने का आदेश दिया।
समिति के फैसले के विरोध में प्रियांशी ने जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। प्रकरण की सुनवाई एडीजे-प्रथम ने की। अदालत ने समिति के फैसले को निरस्त कर दिया है।