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Lord Jagannath: जगन्नाथजी हर साल 15 दिन के लिए क्यों पड़ जाते हैं बीमार, जानिए इसके पीछे का कारण

Lord Jagannath: जगन्नाथजी हर साल 15 दिन के लिए क्यों पड़ जाते हैं बीमार, जानिए इसके पीछे का कारण


ओडिशा के पुरी जगन्नाथ धाम में विराजमान जगन्नाथ महाप्रभु को देव स्नान पूर्णिमा के दिन 108 घड़ों के सुगंधित जल से स्नान कराया गया जिसके बाद से प्रभु बुखार से पीड़ित हो गए हैं। अब जगन्नाथ मंदिर में तैयार विश्राम गृह में उनका उपचार किया जा रहा है।बुखार कम करने के लिए जड़ी-बुटियां पिलाई जा रही है। सेवक प्रभु का बुखार कम करने के लिए कई तरीकों के जड़ी-बूटियां देकर सेवा कर रहे हैं।

रविवार को प्रभु का तेल मालिश किया गया। बड़ ओड़िया मठ की द्वारा उपलब्ध कराए गए इस तेल को तैयार करने के लिए एक साल पहले एक घड़ा तिल्ली (राशि) के तेल में सुगंधित फूल, कपूर, चेरमूल, सुगंधित द्रव्य मिलाकर मिट्टी के नीचे गाड़ दिया गया था और अब इसे एक दिन पहले निकाला गया है। माना जाता है कि तेल मालिश के बाद प्रभु को थोड़ा आराम मिलता है। जानकारी के लिए बता दें कि भगवान जगन्‍नाथ हर साल इन द‍िनों लू लग जाने के कारण बीमार हो जाते हैं। इन दिनों उनका परा ख्याल रखा जाता है। जगन्‍नाथ के व‍िश्रामगृह‍ में दीप-अगरबत्ती जलाकर रख दी जाती है। बीमारी के द‍िनों वह न राजसी वस्‍त्र पहनते हैं और न सिंहासन पर व‍िराजते हैं। वह एक खाट पर लेटे रहते हैं। व‍िश्रामगृह‍ में ज्‍यादा उजाला भी नहीं किया जाता है। इन दिनों जगन्‍नाथ को मौसमी फल, परवल का जूस और काढ़ा पिलाया जाता है। भक्त भी इन दिनों जगन्‍नाथ के दर्शन नहीं कर पाते।

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