Delhi में Air Pollution से मिली थोड़ी राहत, गंभीर श्रेणी में बरकरार स्तर
Delhi में Air Pollution से मिली थोड़ी राहत, गंभीर श्रेणी में बरकरार स्तर

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति शनिवार को थोड़ी सी सुधरी है। हालांकि ये सुधार अधिक नहीं है, मगर शुक्रवार की अपेक्षा बेहतर है। शनिवार की सुबह 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 416 दर्ज हुआ है, जो कि शुक्रवार को 460 पर पहुंचा हुआ था। 416 के स्तर पर भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।
इससे पहले शुक्रवार को औसत वायु गुणवत्ता 468 दर्ज हुई थी, जो कि ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी मानी जाती है। इन हालातों से निपटने के लिए दिल्ली में 500 से अधिक टीमें ग्राउंड पर उतरी हैं। प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाएगा।
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा गति में बह रही थी, जिस कारण प्रदूषण का स्तर थोड़ा सा कम हुआ है। हालांकि ये मामूली गिरावट ही है, मगर पीएम 2.5 की सांद्रता अब भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित स्वस्थ सीमा से करीब 80 गुना अधिक है। बता दें कि पीएम 2.5 वे सूक्ष्म कण होते हैं जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
दिल्ली में लगातार पांचवें दिन भी शनिवार को धुंध की घनी परत छायी रही। इन दिनों वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में श्वसन और आंख संबंधी दिक्कतें बढ़ रही हैं, जिसे लेकर डॉक्टर भी चिंता व्यक्त की है। दिल्ली-एनसीआर में पारा गिरने, हवा के मंद पड़ने और पंजाब एवं हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के कारण पिछले सप्ताह से वायु गुणवत्ता में गिरावट आनी शुरू हुई।
बता दें कि दिल्ली दुनिया में सबसे खराब गुणवत्ता वाली राष्ट्रीय राजधानियों में शामिल रही। ‘यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो’ के ‘एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ की एक रिपोर्ट में अगस्त में कहा गया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र करीब 12 साल तक कम हो रही है। प्रदूषण के अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के कारण अनेक लोग सुबह की सैर और खेल समेत खुले में की जाने वाली अपनी गतिविधियों को टालने के लिए मजबूर हुए हैं। माता-पिता काफी चिंतित हैं क्योंकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे तेजी से सांस लेते हैं और अधिक प्रदूषक तत्व ग्रहण करते हैं। दिल्ली-एनसीआर में हर साल सर्दियों के दौरान प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, पराली जलाने, पटाखे जलाने और अन्य स्थानीय प्रदूषक स्रोतों के कारण वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच जाती है।
वायु गुणवत्ता को लेकर उठाए गए कदम
दिल्ली में वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बीच प्रदूषण नियंत्रण योजना के तीसरे चरण को लागू कर दिया गया है और राज्य सरकार, दिल्ली नगर निगम और एनडीएमसी ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात करना और रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान फिर शुरू करने जैसे कदम शामिल हैं।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण या तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध के साथ ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (जीआरएपी) के तीसरे चरण को लागू किया गया है। केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने बृहस्पतिवार को जीआरएपी-3 लागू किया जिसके तहत दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर रोक है। इस चरण के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल गाड़ियों पर भी रोक लगाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं।