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महिला उद्यमियों के लिए व्यवसायिक ऋण लेने के विभिन्न अवसर हैं मौजूद, जानिए 10 महत्वपूर्ण महिला ऋण योजनाओं के बारे में

महिला उद्यमियों के लिए व्यवसायिक ऋण लेने के विभिन्न अवसर हैं मौजूद, जानिए 10 महत्वपूर्ण महिला ऋण योजनाओं के बारे में

महिला उद्यमियों के लिए व्यवसायिक ऋण लेने के विभिन्न अवसर हैं मौजूद, जानिए 10 महत्वपूर्ण महिला ऋण योजनाओं के बारे में
केंद्र सरकार पिछले कई वर्षों से महिला सशक्तिकरण के उपाय कर रही है। इसी नजरिए से वह महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और योग्य महिलाओं को मुक्त हस्त से व्यवसायिक ऋण प्रदान कर रही है। हालांकि महिलाओं के लिए कोई भी व्यवसाय शुरू करना उतना आसान नहीं है जितना कि वह बाहर से दिखता है।

ऐसा इसलिए कि प्रत्येक व्यवसाय के लिए, वित्तपोषण एक प्रमुख भूमिका निभाता आया है, जो किसी भी व्यवसाय का मूल आधार है। यद्यपि कुछ लोगों को शुरुआती चरण में वित्तीय सहायता नहीं मिल सकती है। इसीलिए व्यवसाय ऋण के अवसर उन चुनिंदा महिलाओं को दिए जाते हैं जो व्यवसाय शुरू करने की इच्छुक हैं, मेहनती हैं और दूरदर्शी हैं।

वैसे भी अपने देश में महिला उद्यमियों की संख्या पुरुषों के मुकाबले कम है। बहुत कम महिलाएँ ऐसी हैं, जो व्यवसाय शुरू करने का जब विचार करती हैं तो उन्हें अपने घर से पर्याप्त वित्तीय सहायता मिलती है। लिहाजा, इस समस्या को महसूस करते हुए ही उसे हल करने के लिहाज से, विभिन्न बैंक उन महिलाओं के लिए विशेष ऋण योजनाएं लेकर आए हैं जो अपना व्यवसाय खुद के दम शुरू करना चाहती हैं और अपने व्यवसाय का विस्तार के लिए समुचित वित्तीय सहायता की तलाश में हैं।

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वजह यह कि बैंकों का मुख्य लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद करना है। साथ ही अलग-अलग पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं को उनके व्यावसायिक विचारों एवं सपनों को वास्तविकता में लाने में लक्षित मदद करना है। इसलिये यहां पर मैं महिलाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न व्यवसायिक ऋण योजनाओं का उल्लेख किया है, जो महिला उद्यमियों को वित्तीय रूप से सक्षम बना सकती हैं। इनका लाभ उठाकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकती हैं या फिर अपने व्यवसाय का विस्तार करने के उपलब्ध अवसरों का फायदा उठाने की तलाश में हैं।

# भारत में महिला उद्यमियों के लिए उपलब्ध दस व्यवसायिक ऋण योजनाएं इस प्रकार हैं:-

पहली, ‘सेंट कल्याणी योजना’ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा उन महिला उद्यमियों को समर्थन देने और उनके द्वारा व्यवसायों को और स्टार्टअप को शुरू करने के लिए ऋण की पेशकश प्रस्तुत की गई है, जो इसकी इच्छुक हैं। यह ऋण पूरी तरह से उन महिलाओं पर केंद्रित है जो अपना छोटा-सा व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं और अपने बल पर अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती हैं। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, यह एक संपार्श्विक मुक्त ऋण है जिसमें शून्य प्रसंस्करण शुल्क है। खासकर जो महिलाएं कृषि उद्योग में हैं, उन खुदरा बिक्री कंपनियां में हैं, जो सरकार द्वारा समर्थित हैं और जिनका काम एमएसएमई श्रेणी के अंतर्गत आता है, वे इस ऋण का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। महिला उद्यमियों के लिए सेंट कल्याणी योजना की ऋण सीमा 1 करोड़ यानी 100 लाख होगी।

दूसरी, भारतीय महिला बैंक द्वारा महिलाओं को दो ऋण विकल्प- ‘श्रृंगार’ और ‘अन्नपूर्णा’ प्रदान किए गए हैं, जो महिला उद्यमियों को बड़े पैमाने पर ऋण योजना सहायता प्रदान करती हैं, ताकि उनके व्यवसायों के लिए कभी धन की किल्लत नहीं हो। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, इन दोनों बहुचर्चित ऋण योजनाओं को महिलाओं को एक नया स्टार्टअप ब्रांड बनाने में मदद करने के साथ-साथ उनके मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने में मदद प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया था। जिसके तहत एक महिला उद्यमी अपने व्यवसाय की स्थापना और उसके विस्तार के लिए 20 करोड़ रुपये तक की ऋण राशि का दावा कर सकती हैं।

विस्तार पूर्वक आपको बता दें कि श्रृंगार ऋण मुख्य रूप से सौंदर्य उद्योग से जुड़ी मेहनती महिलाओं के लिए है जो अपना ब्यूटी पार्लर या इससे मिलता जुलता काम स्थापित करना चाहती हैं या फिर अपने स्थापित व्यवसाय का विस्तार करना चाहती हैं। वहीं, अन्नपूर्णा ऋण खानपान व्यवसाय में महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए है, जो उन्हें अपने खानपान व्यवसाय के लिए आवश्यक उत्पाद और उपकरण खरीदने की अनुमति देता है, जैसे- बर्तन, वाहन प्रबंधन आदि। वहीं, यह योजना उन महिलाओं को भी ऋण प्रदान करती है जो पैक किए गए खाद्य पदार्थ बेचते हैं, जिससे उन्हें अच्छी खासी आय होती है। यह ऐसा व्यवसाय है जो ज्यादातर गृहिणियां कर पाती हैं। महिलाओं के लिए ये दोनों ऋण योजनाएं संपार्श्विक-मुक्त हैं जिन्हें सीजीटीएमएसई योजना के तहत कवर किया जाएगा। वहीं, श्रृंगार और अन्नपूर्णा योजना के लिए ऋण सीमा 20 करोड़ होगी, जिसका सदुपयोग करके कोई भी। महिला खुद भी आगे बढ़ सकती है और कई महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें सशक्त भी कर सकती है।

तीसरी, महिला उद्यम निधि योजना पंजाब नेशनल बैंक द्वारा पेश की गई है, जिसका उद्देश्य एमएसएमई को बढ़ावा देना और इससे जुड़े उद्यमों की मदद करना है। खासकर महिला उद्यमियों द्वारा चलाए जाने वाले लघु उद्योगों का समर्थन करना है। जो महिलाओं के व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ब्यूटी पार्लर, ऑटो-रिक्शा और अन्य वाहन स्थापित करने सहित विभिन्न ध्येय के लिए महिलाओं के लिए ऋण योजनाएं पेश करते हैं। जिन्हें चुकाने के लिए उनको 10 साल तक का समय दिया जाता है। महिला उद्यम योजना के लिए ऋण सीमा 10 लाख तक है।

चौथी, स्त्री शक्ति पैकेज महिला उद्यमियों के लिए एसबीआई द्वारा अपनी अधिकांश शाखाओं में दी जाने वाली कतिपय आकर्षक ऋण योजनाओं में से एक है। बशर्ते कि ऋण इच्छुक महिला के पास सम्बंधित व्यवसाय में कम से कम 50 प्रतिशत स्वामित्व होना चाहिए। बता दें कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को उनकी आय बढ़ाने में मदद करना है, जिसका वो भरपूर लाभ उठा रही हैं।

पांचवीं, प्रधानमंत्री रोजगार योजना महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए पेश की जाती है, जो सभी उद्योगों, नए उद्यमों एवं सेवाओं से जुड़ी महिलाओं के लिए फायदेमंद है। यह योजना मुख्य रूप से महिलाओं के लिए स्व-रोज़गार के अवसर पैदा करने पर केंद्रित है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। इस योजना में कृषि यानी खेती-बाड़ी सहित उपलब्ध सभी प्रकार के व्यवसाय विकल्प शामिल हैं। खास बात यह कि यह योजना सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रति महिला 12,500 रुपये की अधिकतम राशि के साथ परियोजना लागत का 15 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री रोज़गार योजना में व्यवसाय क्षेत्र के लिए ऋण सीमा 2 लाख और सेवाओं तथा उद्योग आधारित स्टार्टअप और कंपनियों के लिए ऋण सीमा 5 लाख तक है। बहुत सी महिलाएं इसका लाभ उठा रही हैं।

छठी, भारत सरकार द्वारा महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की गई है। जिसके तहत एमएसएमई और एसएमई को समर्थन देने के लिए महिलाओं को ऋण योजनाओं की पेशकश की जाती है, जो ऋण संपार्श्विक-मुक्त हैं। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना विभिन्न व्यवसायों के लिए शिशु, किशोर और तरूण नामक तीन अलग-अलग योजनाएं प्रदान करती है। हालांकि इसके लिए आवेदक की आयु सीमा 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लिए ऋण सीमा 10 लाख तक है, जिसका महिला भरपूर लाभ ले रही है।

सातवीं, उद्योगिनी योजना ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमियों तथा गांवों की अशिक्षित महिलाओं का समर्थन करने के लिए बनाई गई थी। जिसे महिला विकास निगम द्वारा विभिन्न ऋण विकल्पों की पेशकश करके लागू किया गया था। इस योजना के मार्फ़त वे महिलाओं के बीच उद्यमिता, वित्तीय स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का समर्थन करने पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। हालाँकि, इस विकल्प का लाभ वे लोग ही उठा सकते हैं जिनकी पारिवारिक आय सालाना 1.5 लाख या उससे कम है। ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र आयु सीमा 18 से 55 वर्ष है। इस योजना के लिए ऋण सीमा 3 लाख तक है।

आठवीं, ओरिएंट महिला विकास योजना ओरिएंटल बैंक द्वारा पेश की गई है। यह उन महिला उद्यमियों के लिए ऋण की पेशकश है जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती हैं। इस ऋण के लिए उनके पास व्यवसाय में कम से कम 51% शेयर पूंजी होनी चाहिए। इस ऋण के लिए किसी संपार्श्विक शुल्क की आवश्यकता नहीं है। वहीं ऋण चुकाने की अवधि 7 वर्ष है।

नवीं, देना शक्ति योजना देना बैंक की योजना है, जो महिला उद्यमियों को भारत में उनके व्यवसाय में मदद करने के लिए ऋण योजनाएं प्रदान करते हैं। यह विनिर्माण, कृषि क्षेत्र और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र में महिला उद्यमियों के लिए दी जाने वाली ऋण योजनाओं में से एक है। वहीं, जो महिलाएं एमएसएमई से जुड़ी हैं वे भी इस ऋण का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। इस योजना के तहत ब्याज दर पर 0.25% की रियायती दर लागू की जाती है। कृषि, एमएसएमई और विनिर्माण और खुदरा उद्यमों के लिए देना शक्ति योजना की ऋण सीमा 20 लाख तक है।

दशवीं, सिंडिकेट बैंक द्वारा सिंड महिला शक्ति योजना महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके तहत छोटे व्यवसाय मालिकों, खुदरा व्यापारियों और स्व-रोज़गार वाली महिलाओं को ऋण सुविधा द्वारा प्रदान किया जाता है। जो महिलाएं अपना व्यवसाय बढ़ाना चाहती हैं या फिर अपना कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, वे इस ऋण के लिए आवेदन कर सकती हैं। यह महिलाओं के लिए ऋण देने वाली योजनाओं में से एक है जो अपने आवेदकों को मुफ्त क्रेडिट कार्ड प्रदान करती है। सिंड महिला योजना की लोन सीमा 5 करोड़ तक है।

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