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क्या साल 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं होंगे ? चुनाव आयोग ने SC को बताई अपनी मजबूरी

क्या साल 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं होंगे ? चुनाव आयोग ने SC को बताई अपनी मजबूरी

क्या साल 2022 के विधानसभा चुनाव नहीं होंगे ? चुनाव आयोग ने SC को बताई अपनी मजबूरी

नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने पंजाब, यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में ईवीएम (EVM) के इस्तेमाल के मुद्दे को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। चुनाव आयोग ने पिछले साल और इस साल राज्य चुनावों में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपीएटी (VVPAT) को रिलीज करने की मांग की है।

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय से जिन राज्यों में विधानसभा चुनावों हो चुके हैं, उनके लिए चुनाव याचिकाएं दायर करने की समयसीमा तय करने की भी गुहार लगाई है।

क्या कहता है कानून ?

अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक चुनाव परिणामों की घोषणा होने के 45 दिनों तक ईवीएम को अछूता और सुरक्षित रखा जाता है, जो हारे हुए उम्मीदवार के लिए परिणामों को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका दायर करने की समय सीमा है। यदि सीमा अवधि (45 दिनों) के भीतर कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की जाती है तो ईवीएम को आने वाले चुनावों में पुन: इस्तेमाल के लिए जारी किया जा सकता है। कानून में यही प्रावधान है।

दरअसल, उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद चुनाव आयोग के सामने समस्या उपजी है। जिसमें कोरोना महामारी से उत्पन्न कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए समयसीमा को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया गया था।

इसका मतलब है कि महामारी के कारण पिछले साल मार्च में लागू किए गए लॉकडाउन के 45 दिनों के भीतर जारी किए गए चुनाव परिणाम अभी भी हारे गए उम्मीदवारों द्वारा चुनौती देने के लिए मौजूद रहेंगे। ऐसे में असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए तैनात सभी ईवीएम का पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता था, जब तक कि उच्चतम न्यायालय इन चुनावों से संबंधित चुनाव याचिका दायर करने के लिए एक विशिष्ट समयसीमा तय नहीं करती है।

EC ने क्या कुछ कहा ? 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उच्चतम न्यायालय अगले सप्ताह मामले की सुनवाई करेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष चुनाव आयोग के आवेदन का उल्लेख किया। चुनाव आयोग ने अधिवक्ता अमित शर्मा के माध्यम से दायर आवेदन में बताया कि चुनाव में इस्तेमाल होने वाली और जिला निर्वाचन अधिकारी की हिरासत में रखी गई प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को अछूता और सुरक्षा के मानक प्रोटोकॉल के तहत रखा जाएगा।

आपको बता दें कि लाखों ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें ब्लॉक पड़ी हैं, जिनका विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल नहीं हो सकता है। ऐसे में चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय से विधानसभा चुनाव हो चुके राज्यों से संबंधित चुनाव याचिकाएं दायर करने के लिए समयसीमा तय करने का अनुरोध किया।

 

 

 

 

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