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Amit Shah ने संसद में फिर कहा, हम मणिपुर के मुद्दे पर लंबी चर्चा को तैयार, सरकार को कोई डर नहीं है

Amit Shah ने संसद में फिर कहा, हम मणिपुर के मुद्दे पर लंबी चर्चा को तैयार, सरकार को कोई डर नहीं है

मणिपुर को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच एक बार फिर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार चर्चा को लेकर पूरी तरीके से तैयार है। अमित शाह ने बताया कि उन्होंने चर्चा को लेकर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी भी लिखी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा, यह पता नहीं। सरकार को किसी मुद्दे पर डर नहीं है जिसको जो करनी है कर ले। जनता सब कुछ देख रही है। सरकार मणिपुर मामले पर विस्तार से चर्चा चाहती है। चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल होना जरूरी है। संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा के लिए उचित माहौल बेहद जरूरी है।

सरकार ने क्या कहा
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष की एक ही मांग है कि प्रधानमंत्री खुद आकर चर्चा की शुरूआत करें। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि जब मणिपुर के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई थी, उस समय पीएम का मुद्दा था ही नहीं। उन्होंने कहा कि उसके बाद सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक हुई। उसमें भी उन्होंने (विपक्ष) तत्काल चर्चा की मांग की। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे थे और उन्होंने अनुरोध को तुरंत स्वीकार कर लिया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस प्रस्ताव को रखा कि मणिपुर संबंधित घटनाओं पर वे चर्चा चाहते हैं, जवाब देना चाहते हैं। आंतरिक सुरक्षा का दायित्व गृह मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आता है। राष्ट्र के गृह मंत्री स्वंय बार-बार विपक्ष से दरख्वास्त कर रहे हैं कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करें, ऐसा क्या है कि जो विपक्ष मणिपुर के बारे में राष्ट्र के सामने आने देना नहीं चाहता?

विपक्ष का सवाल
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सदन के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया के सामने खुद कहा कि मणिपुर की घटना से सबका सिर शर्म से झुक गया है। तो उन्हें इसी बात को लोकसभा और राज्यसभा के समक्ष बोलने में क्या संकोच है? राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा मणिपुर में हो रहे अत्याचारों, हैवानियत को छुपाना चाहती है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए और केंद्र सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए राज्य में अमन, शांति और भाईचारा बहाल करना चाहिए…जिस तरह सांसदों को निलंबित किया जा रहा है उसका हम विरोध करते हैं।

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