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पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों से सवार बस पर हमला, इमरान सरकार ने भारत और अफगानिस्तान को ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों से सवार बस पर हमला, इमरान सरकार ने भारत और अफगानिस्तान को ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों से सवार बस पर हमला, इमरान सरकार ने भारत और अफगानिस्तान को ठहराया जिम्मेदार

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि देश के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले महीने एक बस पर हुए आत्मघाती हमले के पीछे भारत और अफगानिस्तान का हाथ था। उल्लेखनीय है कि इस हमले में नौ चीनी इंजीनियर सहित 13 लोग मारे गये थे। यह हमला 14 जुलाई को ऊपरी कोहिस्तान जिले के दासु इलाके में हुआ था, जहां एक चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली पनबिजली परियोजना पर काम कर रही है।

बस जब चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को लेकर निर्माणधीन दासु बांध के स्थल पर जा रही थी तभी उसमें विस्फोट हो गया और गहरे नाले में गिर गई थी। जांच पूरी होने के बाद इस्लामाबाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अफगान के भू-भाग का इस्तेमाल किया गया और हमले में इस्तेमाल किया गया वाहन अफगानिस्तान से तस्करी कर लाया गया था, इस जांच में चीनी विशेषज्ञों ने भी मदद की। उन्होंने हमला करने का आरोप भारतीय गुप्तचर एजेंसी रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अफगानिस्तान के नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ सिक्युरिटी (एनडीएस) पर लगाया। कुरैशी ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे दो एजेंसियों की सांठगांठ है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 36 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जबकि जांच के दायरे में करीब 1400 किमी के इलाके को शामिल किया गया। पिछले महीने, पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के आवास के पास 23 जून को हुए एक हमले का सूत्रधार एक भारतीय नागरिक था और वह रॉ से संबद्ध है। बाद में उसने दावा किया कि दासू विस्फोट और सईद के आवास के बाहर हुए विस्फोट के बीच एक तार जुड़ा हुआ है। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को बेबुनियाद दुष्प्रचार बताते हुए खारिज कर दिया था कि कराची और लाहौर में हुए कुछ हमलों के पीछे उसका (भारत) हाथ था। साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद को पाकिस्तानी भू-भाग से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापित करने योग्य कार्रवाई करने को कहा था।

कुरैशी ने दावा किया कि पहला निशाना गिलगित बाल्टिस्तान में डाइमर-बाशा बांध स्थल था, लेकिन इसे निशाना बनाने में नाकाम रहने पर आतंकवादियों ने दासू परियोजना को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने हमले को अंजाम देने वालों का पता लगाया और वे लोग इससे जुड़े मिले। चीनी अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया और उन्हें जांच की अद्यतन जानकारी दी गई। चीन जांच से संतुष्ट है। प्रांत के आतंक रोधी विभाग के महानिदेशक जावेद इकबाल ने कहा कि आत्मघाती हमलावर की पहचान अफगान नागरिक खालिद उर्फ शख के तौर पर हुई है। इकबाल ने कहा कि हमले में 14 लोग शामिल थे, और समूह का नेतृत्व तारिक नाम का एक व्यक्ति कर रहा था, जो प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सदस्य था। उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए तारिक और मुआविया को एनडीएस और रॉ ने प्रशिक्षित किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब तक तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश की जा रही है।’’

विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने घटना की गहन जांच की है और हर स्तर पर चीनी पक्ष के साथ निष्कर्ष साझा किया है। आतंकवादी हमले की साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी। वाहन सहित अन्य सामग्री वहीं से मुहैया करायी गयी, जबकि आत्मघाती हमलावर को अफगानिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था और हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान लाया गया था।

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