टमाटर के दाम घटाने के लिए मोदी सरकार का नायाब फॉर्मूला, शुरू होगा Tomato Grand Challenge
टमाटर के दाम घटाने के लिए मोदी सरकार का नायाब फॉर्मूला, शुरू होगा Tomato Grand Challenge

टमाटर के दाम घटाने के लिए मोदी सरकार का नायाब फॉर्मूला, शुरू होगा Tomato Grand Challenge
देश में अब टमाटर राजनीति का नया केंद्र बन गया है। महंगे टमाटर को लेकर विपक्ष तो सरकार पर लाल हो ही रहा है साथ ही थाली से टमाटर गायब होने के चलते आम आदमी भी परेशान है। देश भर के खुदरा बाजारों में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्जी विक्रेताओं और थोक कारोबारियों का कहना है कि बारिश के कारण टमाटर की आपूर्ति में बाधा पैदा हुई है। देखा जाये तो मानसून की शुरुआत के साथ ही टमाटर की फसल मौजूदा समय में मौसमी बदलाव के दौर से गुजर रही है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में बारिश ने फसल को प्रभावित किया है और इसकी आपूर्ति भी सीमित कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप मांग-आपूर्ति में अंतर आ गया है। यही कारण है कि टमाटर देश के अलग-अलग शहरों में 80 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा है। इसकी वजह से खाना बनाने में प्रमुखता से इस्तेमाल होने वाले टमाटर ने घरों का बजट बिगाड़ने का काम किया है।
शुरू होगा टमाटर ग्रैंड चैलेंज
इस बीच, सरकार ने टमाटर की कीमतों में आए तेज उछाल को अस्थायी और मौसम-जनित परिस्थिति बताते हुए कहा है कि इसके दाम जल्द ही नीचे आ जाएंगे। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इस संदर्भ में कहा है कि टमाटर की कीमतों में तीव्र वृद्धि एक अस्थायी समस्या है। उन्होंने कहा, “हर साल इस समय ऐसा होता है। दरअसल टमाटर बहुत जल्द खराब होने वाला खाद्य उत्पाद है और अचानक बारिश होने से इसकी ढुलाई पर असर पड़ता है।” उन्होंने यह भी कहा है कि टमाटर की कीमतों में अचानक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय ‘टमाटर ग्रैंड चैलेंज’ शुरू करेगा। इस ग्रैंड चैलेंज में टमाटर के उत्पादन, प्रसंस्करण और भंडारण में सुधार के लिए नवीन विचारों को आमंत्रित किया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया, ‘‘हम इस सप्ताह टमाटर ग्रैंड चैलेंज शुरू करेंगे। हम नवोन्मेषी विचारों को आमंत्रित करेंगे, प्रोटोटाइप बनाएंगे और फिर इसे आगे बढ़ाएंगे जैसा कि हमने प्याज के मामले में किया था।’’ उन्होंने कहा कि ग्रैंड चैलेंज का उद्देश्य खेत, गांवों और शहरी स्तर पर ‘‘उत्पादन पूर्व, प्राथमिक प्रसंस्करण, फसल निकालने के बाद, भंडारण और टमाटर के मूल्य निर्धारण के लिए प्रौद्योगिकियों’’ को विकसित करने के लिए अभिनव, मॉड्यूलर और लागत प्रभावी समाधान लाना है। इसका उद्देश्य मूल्य संवर्धन प्रदान करते हुए नुकसान को कम करने के लिए एक व्यापक रणनीतिक समाधान निकालना है। उन्होंने बताया कि ‘‘हमने पिछले एक साल में प्याज के क्षेत्र में काम किया है। हमें प्याज के लिए लगभग 600 विचार प्राप्त हुए, जिनमें से 13 विचारों पर अब विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में गौर किया जा रहा है।’’
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमत में उछाल को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गलत नीतियों के कारण टमाटर के दाम बढ़ गये हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी के पांच साल पुराने एक बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने टोमैटो (टमाटर), अनियन (प्याज) और पटैटो (आलू) को ‘टॉप (शीर्ष)’ प्राथमिकता बताया था। लेकिन उनकी ग़लत नीतियों के कारण पहले टमाटर सड़क पर फेंका जाता है, फिर 100 रुपए किलो बिकता है!’’
मदर डेयरी दुकानों पर भी टमाटर हुआ लाल
प्रमुख उत्पादक राज्यों में बरसात के कारण आपूर्ति घटने से मदर डेयरी दुकानों पर टमाटर की कीमतें पिछले एक सप्ताह में दोगुनी होकर लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। मदर डेयरी के सफल खुदरा दुकान पर सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर मंगलवार को 78 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचे जा रहे हैं। कुछ किस्म कम कीमत पर भी उपलब्ध हैं। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 300 से अधिक सफल के स्टोर हैं। मोबाइल ऐप के जरिए ताजे फल और सब्जियां बेचने वाली एग्रीटेक स्टार्टअप ओटिपी 86 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेच रही है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिग बास्केट पर टमाटर 80-85 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में सब्जी विक्रेता स्थान और गुणवत्ता के आधार पर 80-120 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच टमाटर बेच रहे हैं। इस बीच, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 में टमाटर का उत्पादन पिछले वर्ष के 2.069 करोड़ टन से थोड़ा घटकर 2.062 करोड़ टन रहने का अनुमान है।