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Rail Accident In Indian History: भारतीय इतिहास के वे दर्दनाक ट्रेन हादसे जिसे सुन आज भी कांप जाती है रूह

Rail Accident In Indian History: भारतीय इतिहास के वे दर्दनाक ट्रेन हादसे जिसे सुन आज भी कांप जाती है रूह

Rail Accident In Indian History: भारतीय इतिहास के वे दर्दनाक ट्रेन हादसे जिसे सुन आज भी कांप जाती है रूह
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को तीन ट्रेनों, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच हुए बड़े हादसे में कम से कम 280 लोग मारे गए और 900 से अधिक घायल हो गए। यह भारतीय इतिहास के सबसे बड़े रेल हाहसे के रूप में इसे देखा जा रहा है। भारत में इस रेल हादसे को लेकर शोक की लहर है। आज ह् आपको भारतीय इतिहास के सबसे बड़ा कुछ रेल हादसों के बारे में बताने जा रहे हैं।

– 6 जून, 1981- भारत ने अपना सबसे भीषण रेल हादसा दर्ज किया जो बिहार में हुआ। पुल पार करते समय ट्रेन बागमती नदी में गिर गई, जिसमें 750 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

– जुलाई 1988- दक्षिण भारत में क्विलोन के पास एक एक्सप्रेस ट्रेन मानसून से भरी झील में गिर गई, जिसमें कम से कम 106 लोगों की मौत हो गई। पेरुमन रेलवे दुर्घटना 8 जुलाई, 1988 को हुई थी, जब केरल में अष्टमुडी झील के ऊपर पेरुमन पुल पर एक ट्रेन पटरी से उतर गई थी और ट्रेन के 10 डिब्बे पानी में गिर गए थे।

– 20 अगस्त 1995: पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई। आधिकारिक मरने वालों की संख्या लगभग 305 थी।

– 26 नवंबर 1998- जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना में फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिसमें 212 लोगों की मौत हो गई।

– अगस्त 1999- कलकत्ता के पास दो ट्रेनें आपस में टकरा गईं, जिससे कम से कम 285 लोगों की मौत हो गई थी। हादसा उस समय हुआ जब करीब 2,500 लोगों को ले जा रही दो ट्रेनें पश्चिम बंगाल के सुदूर गायल स्टेशन पर आपस में टकरा गईं। यह सिग्नलिंग एरर के कारण हुआ। दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक का उपयोग कर रही थीं क्योंकि लाइन पर चार में से तीन ट्रैक रखरखाव के लिए बंद थे।

– अक्टूबर 2005: वेलुगोंडा के पास दक्षिणी आंध्र प्रदेश में एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गई। 29 अक्टूबर 2005 को हुई दुर्घटना में कम से कम 77 लोग मारे गए थे।

– जुलाई 2011- फतेहपुर में एक मेल ट्रेन के पटरी से उतरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हो गए। दुर्घटना 10 जुलाई, 2011 को 12:20 बजे हुई, जब हावड़ा-कालका मेल के 15 डिब्बे मालवन के पास पटरी से उतर गए।

– मई 2012- 22 मई 2012 को हम्पी एक्सप्रेस हादसे में आंध्र प्रदेश के करीब एक मालगाड़ी और हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस की टक्कर हो गई थी। ट्रेन के पटरी से उतर जाने के कारण करीब 25 लोगों की मौत हो गई और करीब 43 लोग घायल हो गए।

– मई 2014- 26 मई को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में गोरखपुर की ओर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास रुकी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।

– नवंबर 2016- उत्तर प्रदेश में एक एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से 146 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। 20 नवंबर, 2016 को, इंदौर-पटना एक्सप्रेस 19321 सुबह करीब 3.10 बजे पुखरायां, कानपुर के पास पटरी से उतर गई और लगभग चौदह डिब्बे पटरी से उतर गए।

– जनवरी 2017: आंध्र प्रदेश में एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई। 21 जनवरी, 2017 को, जगदलपुर से भुवनेश्वर जाने वाली हीराखंड एक्सप्रेस 18448, विजयनगरम के कुनेरू गांव के पास पटरी से उतर गई।

– अक्टूबर 2018: उत्तरी भारत के अमृतसर में एक त्योहार के लिए पटरियों पर जमा भीड़ के बीच एक कम्यूटर ट्रेन दौड़ गई, जिसमें कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई और 57 घायल हो गए। दशहरा समारोह देखने के लिए भीड़ पटरियों पर जमा हो गई थी।

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