भारत-फ्रांस मना रहे हैं अपनी सामरिक साझेदारी के 25 साल, ऐसे में क्यों इतना अहम है पीएम मोदी का बैस्टिल डे परेड में गेस्ट ऑफ ऑनर होना?
भारत-फ्रांस मना रहे हैं अपनी सामरिक साझेदारी के 25 साल, ऐसे में क्यों इतना अहम है पीएम मोदी का बैस्टिल डे परेड में गेस्ट ऑफ ऑनर होना?

14 फरवरी 2023 यानी ये कोई ज्यादा पुरानी बात नहीं है। एअर इंडिया और एयरबस के बीच एक नई साझेदारी की शुरुआत का अवसर था। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपने भाषण की शुरुआत करते हैं प्रिय प्रधानमंत्री और मेरे दोस्त नरेंद्र मोदी, आपको देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। भले ही ये एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिग हो पर आपको जी 20 बाली में हुई मुलाकात के बाद देखकर अच्छा लगा। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच की आत्मीयता का अंदाजा आप मई 2022 में दोनों के बीच हुई मुलाकात की तस्वीर से रूबरू होकर भी लगा सकते हैं। जैसे ही प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात करने पहुंचे ते इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें गले से लगा लिया। भारत और फ्रांस अपनी सामरिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। ऐसे पीएम नरेंद्र मोदी पेरिस में 14 जुलाई को होने वाली बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
14 जुलाई फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस है। ये फ्रांसीसी क्रांति से पहले का है। फ्रांसीसियों के लिए यह जश्न मनाने का एक क्षण है जो उन्हें स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व के मूल्यों में एक साथ बांधता है। वैसे, भारत के संविधान की प्रस्तावना में भी ये सब शामिल है। हर बैस्टिल डे पर पेरिस के प्रसिद्ध एवेन्यू डेस चैंप्स-एलिसीस एक सैन्य परेड की मेजबानी करता है। ये कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड से बहुत अलग नहीं है। बता दें कि फ्रांस 1951 से 5 बार गणतंत्र दिवस का गेस्ट ऑफ ऑनर रहा है।
मनमोहन सिंह के बाद पीएम मोदी होंगे सम्मानित अतिथि
पीएम नरेंद्र मोदी 2009 में डॉ मनमोहन सिंह के बाद बैस्टिल डे में सम्मानित अतिथि बनने वाले दूसरे भारतीय पीएम होंगे। पेरिस में उनकी उपस्थिति विशेष महत्व रखती है क्योंकि फ्रांस🇫 और भारत🇮 इस साल अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 साल मना रहे हैं। पेरिस में सैन्य परेड में भारत और फ्रांस के सैनिक कंधे से कंधा मिलाकर मार्च करेंगे। ऐसी तस्वीरें शब्दों से ज्यादा बयां करेंगी कि फ्रांस और भारत कितने करीब हैं।
1947 से भारत और फ्रांस एक-दूसरे के साथ रहे हैं खड़े
प्रतीकों से परे, इस यात्रा का मजबूत भू-राजनीतिक महत्व भी है। 1947 से फ्रांस और भारत हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। अच्छे और बुरे समय में भी। इस भरोसे की वजह से हमने एक अविश्वसनीय रूप से महत्वाकांक्षी रणनीतिक साझेदारी बनाई है। रक्षा से लेकर इंडोपैसिफिक तक, अंतरिक्ष से जलवायु तक,और बहुत कुछ: हम अपने राष्ट्रों को मजबूत और दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। हमारी साझेदारी का यही अर्थ है: सभी क्षेत्रों में रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ावा देना और अधिक न्यायपूर्ण, नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देना।