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Budget 2023 Expectations: 26 जनवरी को हलवा सेरेमनी, इस बार के बजट से क्या आम आदमी की उम्मीदें होंगी पूरी?

Budget 2023 Expectations: 26 जनवरी को हलवा सेरेमनी, इस बार के बजट से क्या आम आदमी की उम्मीदें होंगी पूरी?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को एनडीए 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से केंद्रीय बजट 2023 में नीतिगत उपायों के माध्यम से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का समर्थन जारी रखने की उम्मीद है। हर साल आम आदमी की बजट से एक बड़ी उम्मीद होती है इनकम टैक्स के स्लैब में राहत। अधिकांश वेतन पाने वाले टैक्सपेयर महामारी के प्रभाव के कम होने के बाद अब आयकर स्लैब में बदलाव की उम्मीद के साथ वित्त निर्मला सीतारमण की ओर देख रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि एफएम सीतारमण को बजट 2023 में नई आयकर व्यवस्था को प्रोत्साहित करना चाहिए। शेयर बाजार के निवेशकों को इस बार संतुलित बजट की उम्मीद है। उनका मानना है कि सरकार आम बजट में रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने, घाटे पर काबू पाने और अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर देगी।

26 जनवरी को हलवा सेरमनी

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में बजट तैयार करने में शामिल अधिकारियों की “लॉक-इन” प्रक्रिया से पहले गुरुवार को एक प्रथागत हलवा समारोह किया जाएगा। समारोह केंद्रीय बजट तैयार करने के अंतिम चरण को चिह्नित करता है। वित्त मंत्री कढ़ाही में हलवे को हिलाकर समारोह की शुरुआत करती हैं और फिर इसे राष्ट्रीय राजधानी में मंत्रालय के मुख्यालय में सहयोगियों को परोसा जाता है। हलवा सेरमनी राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय वित्त मंत्रालय मुख्यालय, नॉर्थ ब्लॉक में होता है। समारोह के दौरान आमतौर पर वित्त मंत्री, राज्य मंत्री और वित्त मंत्रालय के साथ काम करने वाले अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद रहते हैं।

रेल बजट 2023: वंदे भारत ट्रेनों पर फोकस

भारतीय रेलवे धीरे-धीरे शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों को नए जमाने की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों से बदलने की सोच रहा है। एफएम सीतारमण के बजट 2023 के भाषण में 400 वंदे भारत ट्रेनों के रोलआउट समयसीमा की संभावना के साथ नई ट्रेनों का उल्लेख होने की संभावना है।

रोजगार सृजन पर फोकस

कोविड-19 महामारी से अर्थव्यवस्था को झटका लगने के साथ, रिकवरी अभी भी व्यापक-आधारित नहीं है। बजट 2023 से मुख्य अपेक्षाओं में से एक नीतिगत उपायों की घोषणा है जो निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन का समर्थन करेगा।

आम आदमी की उम्मीदें होंगी पूरी?

2014 के बाद से ही आम आदमी यह उम्मीद कर रहा है कि सरकार इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ा दें। अभी तक 2.50 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगता है। यह पुराना टैक्स स्लैब है। इसके बाद 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है। नए टैक्स स्लैब में 7 लाख रुपए तक के टैक्सेबल इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता। लेकिन इसके ऊपर कोई छूट नहीं मिलती है।

शेयर निवेशकों को संतुलित बजट की उम्मीद

शेयर बाजार के निवेशकों को इस बार संतुलित बजट की उम्मीद है। उनका मानना है कि सरकार आम बजट में रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने, घाटे पर काबू पाने और अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर देगी। आम बजट से पहले शेयर बाजारों में सुस्ती का रुख है। इस महीने बीएसई सेंसेक्स लगभग सपाट रहा है। यहां तक कि कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजारों को उत्साहित करने में विफल रहे। हालांकि, आईटी और बैंक जैसे कुछ सूचकांकों में सकारात्मक हलचल देखी गई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक घरेलू शेयर बाजारों से 16,500 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इसके अलावा मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी की आशंका से भी निवेशक सतर्क हैं।

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