प्लास्टिक बैनः अमूल, पारले को भी नही मिली छूट
प्लास्टिक बैनः अमूल, पारले को भी नही मिली छूट

प्लास्टिक बैन के मामले में भारत सरकार ने अमूल, मदर डेयरी व पारले जैसी बड़ी कंपनियों को भी किसी प्रकार की राहत नहीं दी है। देश के सबसे बड़े डेयरी समूह अमूल ने सरकार से प्लास्टिक स्ट्रा पर बैन (प्रतिबंध) लगाने में देरी करने की अपील की थी। इसके लिए अमूल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था। मगर अमूल, मदर डेयरी सहित पैक्ड जूस, सॉफ्ट ड्रिंक्स और डेयरी प्रोडक्ट बनाने व उसे बेचने वाली कंपनियों को किसी भी प्रकार से राहत नहीं दी गई। है। अब योजनानुसार 1 जूलाई से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाएगा।
अमूल डेयरी ग्रुप के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने बैन लगने से पहले कहा था कि प्लास्टिक स्ट्रॉ अमूल के आठ अरब डॉलर के उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। अगर सरकार प्रतिबंध में देरी कर देती है तो 10 करोड़ डेयरी किसानों को राहत व लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया था कि देश में 5 रुपए से लेकर 30 रुपए के पेय पदार्थ काफी लोकप्रिय हैं। प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन लगने से इन पेय पदार्थों में पेपर स्ट्रा यूज करना पड़ेगा, जिसके कारण यह महंगे हो जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमूल ग्रुप के अलावा पारले ने भी भारत सरकार को एक पत्र लिखा था, जिसमें कंपनी ने कहा था कि वैकल्पिक स्ट्रॉ का पर्याप्त मात्रा में स्थानीय उत्पादन नहीं है। आयातित कागज और बायोडिग्रेडेबल वेरिएंट लगभग 250 फीसदी अधिक महंगे हैं। पेपर स्ट्रॉ ज्यादा टिकाऊ भी नहीं हैं।
इसबीच, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव की भावना को आगे बढ़ाते हुए कूड़े और अप्रबंधित प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा एक निर्णायक कदम उठाया जा रहा है। आगामी 1 जुलाई से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लग जाएगा।
मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार सभी प्रकार की प्लास्टिक रॉड, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म, मिठाई के बॉक्स, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर सहित अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले समान 1 जूलाई से पूरी तरह बैन हो जाएंगे। ये सभी सिंगल यूज प्लास्टिक से बने समान जब मार्केट में मिलना बंद हो जाएंगे तो धीरे-धीरे आपके घरों से भी यह गायब हो जाएंगे।
सिंगल यूज प्लास्टिक वह है, जिसे हम एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं। ज्यादातर सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। इस प्लास्टिक को ज्यादातर जला दिया जाता है, जिससे वायू प्रदूषण होता है। यदि इसे ऐसे ही फेंक दिया जाता है तो यह लंबे समय तक नष्ट नहीं होता है, जिससे यह पर्यावरण को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाता रहता है।